ख़ुद में तू हथियार है लड़ने को तैयार है डंके की इक चोट के जैसा हर तेरा वार है मंज़िल तुझपे है फ़िदा कुछ ऐसा करजा के वो भी तुझसे पूछे बंदे बतला दे तेरी मर्ज़ी है क्या 1.4K views00:46