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2024-05-08 12:58:19 ये लिया जाए कि वो...


निर्णय लेने पर कहानी



एक पांच साल का लड़का अपने पापा के साथ दिल्ली की एक सुपरमार्केट में घूमने गया. जब शॉपिंग करते-करते वे टॉयज सेक्शन के करीब पहुंचे तो वहन मौजूद रंग-बिरंगे खिलौनों को देखकर उसका जी मचल गया.



“पापा-पापा… मुझे ये कार लेना है…प्लीज न पापा”, लड़के ने पापा का हाथ खींचते हुए कहा.


पापा अपने बेटे को बहुत मानते थे और उसकी ये रिक्वेस्ट ठुकरा नहीं पाए.

“ठीक है बेटा तुम ये कार ले लो!”, पापा ने बेटे को पुचकारते हुए कहा.

बच्चे ने झट से कार उठा ली और ख़ुशी से झूमता हुआ आगे बढ़ने लगा. अभी वो दो-चार ही कदम चले होंगे कि बेटा बोला, ” पापा, मुझे ये कार नहीं चाहिए…मुझे तो वो रिमोट कण्ट्रोल हेलीकाप्टर चाहिए!”

यह सुनते ही पापा कुछ गुस्सा हो गए और बोले, ” हमारे पास अधिक टाइम नहीं है, मार्केट बंद होने वाला है… जल्दी से खिलौना लो और यहाँ से चलो!”

बेटे ने कार रखी और हेलीकाप्टर को अपने कब्जे में लेकर इतराने लगा.

ये भी पढ़ें: Decision Making Problem – क्या निर्णय लेंगे आप ?
पापा ने बेटे का हाथ पकड़ा और आगे बढ़ने लगे की तभी बेटा जोर से बोला, ” रुको-रुको-रुको पापा, वो देखो वो डायनासौर कितना खतरनाक लग रहा है… मैं वो ले लूँ क्या…बाताओ ना पापा… क्या करूँमैं… ये लूँ कि वो ?”

पापा ने बेटे को फ़ौरन गोद से उतार दिया और कहा, “जाओ…जल्दी से कोई खिलौना चूज कर लो और यहाँ से चलो!”

अगले कुछ पलों तक बेटा इधर-उधर दौड़ता रहा और यही सोचता रहा कि ये लूँ कि वो ? पर वो डिसाइड नहीं कर पाया कि उसे क्या लेना है?

तभी सुपरमार्केट की लाइट्स ऑफ होने लगीं और कस्टमर्स को बाहर निकलने के लिए कहा जाने लगा. पापा भी गुस्से में थे, उन्होंने बेटे को गोद में उठाया और बाहर निकल पड़े. बेचारा बेटा रोता रह गया, उसके मन में यही आ रहा था कि काश उसने कोई टॉय चूज कर लिया होता.

दोस्तों, हम सभी उस लड़के की तरह हैं और ये दुनिया खिलौनों की एक दूकान है, जिसमे हर तरह के ढेरों खिलौने मौजूद हैं… life आपको अलग-अलग स्टेज पे टॉयज की ढेर सारी choices देती है.

कभी आपको education, कभी job या business तो कभी relationship choose करने का option देती है, but unfortunately बहुत से लोग कोई ठोस निर्णय लेने की बजाय यही सोचते रहते हैं किये लूँ कि वो?

ये पढाई करूँ कि वो?
ये जॉब करूँ कि वो?
ये बिजनेस करूँ कि वो?
इससे शादी करूँ कि उससे?
और इसी चक्कर में कुछ करने का उनका prime time निकल जाता है और बाद में उन्हें उस बच्चे की तरह पछताना पड़ता है या sub-standard option choose करना पड़ता है.

इस बात को याद रखिये कि-


कोई भी निर्णय ना लेने से अच्छा है कोई ग़लत निर्णय लेना!

इसलिए जब life के important decisions लेने की बात हो तब indecisive मत बने रही…अपने निर्णय को लम्बे समय तक टालिये नहीं. अपने circumstances और best of knowledge को use करते हुए एक निर्णय लीजिये और ज़िन्दगी में आगे बढ़ जाइए.
5.4K viewsjagriti soni, 09:58
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2024-05-07 17:41:11 ख़ुद को कम आंकने की भूल तुम्हारी पूरी जिंदगी निगल रही है, क्षमताएं अपार हैं तुम में भी और न केवल तुम में हम सब में हैं देर है तो बस इसे तलाशने की, प्रयोग करो, प्रयास करो, असफल हो, सीखो और पुनः प्रयास करो ....

जीवन में सीखना और सीखे हुए को उतारना केवल यही मूल रास्ता होता है ख़ुद को बनाने का, क्योंकि अंदर की छुपी शक्तियां परत दर परत सामने आती जाती हैं जब हम खुद को बेहतर की तरफ ढकेलते हैं, perfect बनने की होड़ छोड़ प्रयासों में लीन हो जाइए, गिरिए, उठिए, सीखिए और ये करते चलिए, अंदर का डर जिसमें अविश्वास और संदेह का बीज बोया है वो स्वताः ही समाप्त हो जाएगा और तुम खुद को वो बना लोगे तो बना लेने में तुम्हें संदेह महसूस हो रहा था...

चलना भी गिर गिर कर ही सीखा था, और अब संभलना भी लड़खड़ा लड़खड़ा कर ही आ जाएगा, गलती करने से मत डरो !

Exposure से ज्यादा effective कोई therapy नहीं होती, ख़ुद को डाल

दो बीच रण में, लड़ना भी आ जाएगा और बचना भी आ जाएगा और बचते बचते ही जीत भी जाओगे, नहीं यकीन तो कर के देखो....
5.5K viewsjagriti soni, 14:41
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2024-05-07 10:00:50
. मुसीबतों से डर के भागने की
बजाय उनका डट कर सामना करो


स्वामी विवेकानंद जी के जीवन की एक सच्ची घटना जो हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए और अपने डर को खत्म करने की सीख देती है.....!!

एक बार बनारस में एक मंदिर से निकलते हुए विवेकानंद को बहुत सारे बंदरों ने घेर लिया। वे खुद को बचाने के लिए भागने लगे, लेकिन बंदर उनका पीछा नहीं छोड़ रहे थे। पास खड़े एक वृद्ध संन्यासी ने उनसे कहा, ‘रुको और उनका सामना करो!’ विवेकानंद तुरंत पलटे और बंदरों की तरफ बढऩे लगे। उनके इस रवैये से सारे बंदर भाग गए।

इस घटना से उन्होंने सीख ग्रहण की डर कर भागने की अपेक्षा मुसीबत का सामना करना चाहिए।

कई सालों बाद उन्होंने एक संबोधन में कहा भी, ‘यदि कभी कोई चीज तुम्हें डराए तो उससे भागो मत। पलटो और सामना करो..!
5.9K viewsjagriti soni, 07:00
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2024-04-09 06:20:57 खामोशी की तह मे

छुपा लो सारी उलझने

शोर कभी मुश्किलों को

आसान नहीं करता है..!!

Radhe Radhe
12.8K views Radhe Rajpoot , 03:20
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2024-03-30 06:28:34
Radhe Radhe
12.8K views Radhe Rajpoot , 03:28
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2024-03-26 10:46:26
कटना पिसना और अंतिम बूंद तक निचोड़े जाना
गन्ना से बेहतर और कौन जानता होगा कि


मीठा होने का नुकसान कितना है
13.0K viewsjagriti soni, 07:46
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2024-03-25 08:12:02 ꧁𝒬☞︎︎︎♔︎♔︎♔︎♔︎♔︎♔︎♔︎♔︎☜︎︎︎𝒬꧂
𝐇𝐀𝐏𝐏𝐘 𝐇𝐎𝐋𝐈

꧁𝒬☞︎︎︎ आपको और आपके परिवार को होली के पावन अवसर पर मेरे तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं☜︎︎︎𝒬꧂
꧁𝒬☞︎︎︎ होली के रंगो की तरह आपकी जिंदगी भी, खुशियों के रंगो से भरी हो,मेरी यही कामना है☜︎︎︎𝒬꧂

꧁HAPPY HOLI𝒬꧂
12.7K viewsjagriti soni, 05:12
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2024-03-24 09:29:33 जिंदगी के इस रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है,

रोज अपना ही सारथी बनकर जीवन की महाभारत को लड़ना पड़ता है।
13.0K viewsjagriti soni, 06:29
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2024-03-17 18:15:30
किस उम्र तक पढ़ा जाए?
किस उम्र से कमाया जाए?
ये शौक नहीं, हालात तय करते हैं।

अपनी किस्मत को कभी
भी दोष मत दीजिए,
इंसान के रूप में जन्म मिला है,
ये किस्मत नहीं तो और क्या हैं?

दूसरों को समझना बेशक बुद्धिमानी
हो सकती है मगर खुद को समझना
ही जिंदगी का असली ज्ञान हैं।!!
12.7K viewsjagriti soni, 15:15
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2024-03-13 10:53:08 मजिल भी मेरे धैर्य और आत्मविश्वास को आजमा रही है..!!

उसे लगता है कि वो मेरे धैर्य और आत्मविश्वास को तोड़ देगी और मुझे हरा देगी..!!

लेकिन मैं भी अपनी जिद पर अड़ा हूं..

अपने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर उसे जीत कर दिखाने की..!!

किस्मत से मंजिल मिले या ना मिले ये तो भगवान् जाने..

लेकिन अपने जुनून लगन और मेहनत के बल पर कुछ भी हासिल किया जा सकता है..
ये बात मंजिल को समझानी होगी..!!

Radhe Radhe
12.6K views Radhe Rajpoot , 07:53
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