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हिन्दी के महत्त्वपूर्ण मुहावरे, उनके अर्थ और प्रयोग (अ) 1. अ | Hindi Grammer Quiz

हिन्दी के महत्त्वपूर्ण मुहावरे, उनके अर्थ और प्रयोग

(अ)

1. अंक में समेटना–(गोद में लेना, आलिंगनबद्ध करना)
शिशु को रोता हुआ देखकर माँ का हृदय करुणा से भर आया और उसने उसे अंक में समेटकर चुप किया।

2. अंकुश लगाना–(पाबन्दी या रोक लगाना)
राजेश खर्चीला लड़का था। अब उसके पिता ने उसका जेब खर्च बन्द
करके उसकी फ़िजूलखर्ची पर अंकुश लगा दिया है।

3. अंग बन जाना–(सदस्य बनना या हो जाना)
घर के नौकर रामू से अनेक बार भेंट होने के पश्चात् एक अतिथि ने कहा, “रामू तुम्हें इस घर में नौकरी करते हुए काफी दिन हो गए हैं, ऐसा लगता .. कि जैसे तुम भी इस घर के अंग बन गए हो।”

4. अंग–अंग ढीला होना–(बहुत थक जाना)
सारा दिन काम करते करते, आज अंग–अंग ढीला हो गया है।

5. अण्डा सेना–(घर में बैठकर अपना समय नष्ट करना)
निकम्मे ओमदत्त की पत्नी ने उसे घर में पड़े देखकर एक दिन कह ही दिया, “यहीं लेटे–लेटे अण्डे सेते रहोगे या कुछ कमाओगे भी।”

6. अंगूठा दिखाना–(इनकार करना)
आज हम हरीश के घर ₹10 माँगने गए, तो उसने अँगूठा दिखा दिया।

7. अन्धे की लकड़ी–(एक मात्र सहारा)
राकेश अपने माँ–बाप के लिए अन्धे की लकड़ी के समान है।

8. अंन्धे के हाथ बटेर लगना–(अनायास ही मिलना)
राजेश हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम आया, उसके लिए तो अन्धे के हाथ बटेर लग गई।

9. अन्न–जल उठना–(प्रस्थान करना, एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले
जाना) रिटायर होने पर प्रोफेसर साहब ने कहा, “लगता है बच्चों, अब तो यहाँ से हमारा अन्न–जल उठ ही गया है। हमें अपने गाँव जाना पड़ेगा।”

10. अक्ल के अन्धे–(मूर्ख, बुद्धिहीन)
“सुधीर साइन्स (साइड) के विषयों में अच्छी पढ़ाई कर रहा था, मगर उस अक्ल के अन्धे ने इतनी अच्छी साइड क्यों बदल दी ?” सुधीर के एक मित्र ने उसके बड़े भाई से पूछा।

11. अक्ल पर पत्थर पड़ना–(कुछ समझ में न आना)
मेरी अक्ल पर पत्थर पड़ गए हैं, कुछ समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूँ।

12. अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना–(मूर्खतापूर्ण कार्य करना)
तुम हमेशा अक्ल के पीछे लट्ठ लिए क्यों फिरते हो, कुछ समझ–बूझकर काम किया करो।

13. अक्ल का अंधा/अक्ल का दुश्मन होना–(महामूर्ख होना।)
राजू से साथ देने की आशा मत रखना, वह तो अक्ल का अंधा है।

14. अपनी खिचड़ी अलग पकाना–(अलग–थलग रहना, किसी की न
मानना) सुनीता की पड़ोसनों ने उसको अपने पास न बैठता देखकर कहा, “सुनीता तो अपनी खिचड़ी अलग पकाती है, यह चार औरतों में नहीं बैठती।”

15. अपना उल्लू सीधा करना–(स्वार्थ सिद्ध करना)
आजकल के नेता सिर्फ अपना उल्लू सीधा करते हैं।

16. अपने मुँह मियाँ मिठू बनना–(आत्मप्रशंसा करना) राजू अपने मुँह .
मियाँ मिठू बनता रहता है।

17. अक्ल के घोड़े दौड़ाना–(केवल कल्पनाएँ करते रहना)
सफलता अक्ल के घोड़े दौड़ाने से नहीं, अपितु परिश्रम से प्राप्त होती है।

18. अँधेरे घर का उजाला–(इकलौता बेटा)
मयंक अँधेरे घर का उजाला है।

19. अपना सा मुँह लेकर रह जाना–(लज्जित होना)
विजय परीक्षा में नकल करते पकड़े जाने पर अपना–सा मुँह लेकर रह गया।

20. अरण्य रोदन–(व्यर्थ प्रयास)
कंजूस व्यक्ति से धन की याचना करना अरण्य रोदन है।

21. अक्ल चरने जाना–(बुद्धिमत्ता गायब हो जाना)
तुमने साठ साल के बूढ़े से 18 वर्ष की लड़की का विवाह कर दिया, लगता है तुम्हारी अक्ल चरने गई थी।

22. अड़ियल टटू–(जिद्दी)
आज के युग में अड़ियल टटू पीछे रह जाते हैं।

23. अंगारे उगलना–(क्रोध में लाल–पीला होना)
अभिमन्यु की मृत्यु से आहत अर्जुन कौरवों पर अंगारे उगलने लगा।

24. अंगारों पर पैर रखना–(स्वयं को खतरे में डालना)
व्यवस्था के खिलाफ लड़ना अंगारों पर पैर रखना है।

25. अन्धे के आगे रोना–(व्यर्थ प्रयत्न करना)
अन्धविश्वासी अज्ञानी जनता के मध्य मार्क्सवाद की बात करना अन्धे के आगे रोना है।
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