अंतर्मन और समर्पण से पढ़ा रहा हूँ तब तक पढ़ लीजिए , जिस दिन मै | GOURAV GYAN DHARA
अंतर्मन और समर्पण से पढ़ा रहा हूँ तब तक पढ़ लीजिए , जिस दिन मैं थक गया तो शिकायते और सलाहे यही रह जाएगी।
फिर जो प्लेटफ़ार्म आपको आपके अनुसार सेवा दे वहाँ से पढ़ लेना
यह ज्ञान मुझे भी है कि वर्तमान में हवन करते हाथ जलने के अलावा कुछ मिलना नहीं है,और जो जितना अच्छा होगा परीक्षाएँ भी उसे ही देनी होगी।
फिर भी प्रयास करते है ताकि कुछ लोगो के कारण वास्तविक स्टूडेंट्स वंचित न रहे।
धैर्य की परीक्षा न लीजिएगा बस