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6-न्यूनतम उजरत ( वेतन ) कानून पूर्ण रूप से देशभर में लागू किया | ☸️ Bahujan Update ✅

6-न्यूनतम उजरत ( वेतन ) कानून पूर्ण रूप से देशभर में लागू किया जाए ।

7-अनुसूचित जातीयो में से बुद्ध धर्म मे दीक्षित लोगो को पहले जैसे संवैधानिक-अधिकार व सुविधाएं दी जाए ।

8-छुआछूत मूलतः दूर करने के लिए कड़े कानूनी व समाजी उपाय किये जाए ।

9-संसद के केंद्रीय हाल में बाबा साहेब अंबेडकर का चित्र लगाया जाए ।

10-अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों के लिए सरकारी नौकरियों में रिजर्वेशन-कोटा पूरा किया जाए ।

11-दलित वर्गों पर ढाए जा रहे अत्याचारों को बंद किया जाए । इसके लिए कड़े कानून बनाए जाएं ।

पॉइंट्स लिए गए,-अम्बेडकरी आंदोलन की दास्तान से

इन मांगो के समर्थन में 32 पृष्ठों का एक स्मरणपत्र भी दिया गया जिसमें सम्बंधित आंकड़े दर्ज किए गए थे ।

पार्टी को सर्वभारत कार्यकारणी की बैठक जालंधर में 26 जून 1965 को हुई । दूसरे दिन एक विशाल कॉन्फ्रेंस भी आयोजित की गई जिसमें सरकार को एक बार फिर अपने वायदे पूरे करने के लिए चेतावनी दी गई ।

रिपब्लिकन मोर्चे के कारण :-

1-सरकार को भूमि सुधार करने पड़े ।

2-झुग्गी-झोपड़ी वालो को बसाने के लिए योजना बनानी पड़ी ।

3-देर ही से सही 29 बैंकों को राष्ट्रीयकरण हुआ ।

4-बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति संसद परिसर में लगी और केंद्रीय होल में उनका चित्र लगा ।

5-दलितों पर अत्याचारियों की रोकथाम के लिए दो कानून बने ।

6-अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधि भर्ती-बोर्डो में लिए गए । सरकार ने नौकरियों में आरक्षण पूरा करने के लिए कदम उठाए ।

7-न्यूनतम वेतन कानून देश भर में सख्ती से लागू किया गया ।

पॉइंट्स लिए गए है-अम्बेडकरी आंदोलन की दास्तान से

अब सोचने का विषय RPI की जिम्मेदारी उन लोगो पर है,जो अपने को अम्बेडकरवादी कहते है,लेकिन कई भागों में।राजनीतिक रूप से बट चुके है,जिसका परिणाम यह हुआ कि अन्य राजनीतिक दलों का जन्म हुआ और हमने ईमानदारी से बाबा साहेब के विचारो पर कार्य नहीं किया इस सत्य को भारत मे रहने वाले हर अम्बेडकरवादी को इस सत्य को स्वीकार करना होगा । इसमे कुछ तथ्य एल आर बाली साहब की पुस्तक अम्बेडकरी आंदोलन की दास्तान से लिये गए है और बाकी मेरे स्वयं के विचार है । उन बिंदुओं को जो इंगित किये गए है,उन पर बाली साहब की पुस्तक में साफ तौर पर लिखा है । आज हम अपनी स्थिति के स्वयं जिम्मेदार है अपने घर को तोड़ने के स्वयं जिम्मेदार है ।

कोई गलती हो तो में क्षमा चाहूंगा लेकिन सत्य इतिहास के पन्नो में दफन है,उसे बाहर लाना होगा ।

विकाश कुमार
जिला बेगूसराय
राज्य बिहार
MOB-9122461692
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बाबा होते आज अगर तो चारों ओर उजाला होता मनुवादी तो होते लेकिन उनके मुंह पर ताला होता*