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ज्ञानी ज़ैल सिंह ज्ञानी ज़ैल सिंह का जन्म पंजाब में फरीदकोट ज | Utkarsh Ramsnehi Gurukul

ज्ञानी ज़ैल सिंह
ज्ञानी ज़ैल सिंह का जन्म पंजाब में फरीदकोट जिले के संधवा नामक गाँव में 5 मई, 1916 को हुआ।
ज्ञानी ज़ैल सिंह का बचपन का नाम जरनैल सिंह था।
ज्ञानी ज़ैल सिंह की स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं हो पाई कि उन्होंने उर्दू सीखने की शुरुआत की, फिर पिता की राय से गुरुमुखी पढ़ने लगे।
अंग्रेजों द्वारा कृपाण पर रोक लगाने के विरोध में ज़ैल सिंह को भी जेल जाना पड़ा था, वहाँ उन्होंने अपना नाम ज़ैल सिंह लिखवा दिया तथा जेल से रिहा होने पर यही ज़ैल सिंह नाम प्रसिद्ध हो गया।
ज्ञानी ज़ैल सिंह क्रांतिकारियों के भी संपर्क में रहे। उन्होंने ‘प्रजामंडल’ का गठन किया। वे मास्टर तारासिंह के संपर्क में आये, जिन्होंने उन्हें फिर पढ़ने के लिए भेज दिया।
कालांतर में उन्होंने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में नौकरी भी की।
वर्ष 1946 में जब फरीदकोट में अफसरों ने तिरंगा झंडा नहीं फहराने दिया, तो ज्ञानी जी ने नेहरू जी को निमंत्रित कर लिया।
वर्ष 1969 में उनकी इंदिरा जी से राजनीतिक निकटता बढ़ी तथा वर्ष 1972 से वर्ष 1977 तक ज्ञानी जी पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 1980 में इंदिरा गांधी सरकार में देश के गृहमंत्री बने।
वर्ष 1982 में श्री नीलम संजीव रेड्डी का कार्यकाल समाप्त होने पर ज्ञानी जी देश के आठवें राष्ट्रपति निर्वाचित हुए तथा 25 जुलाई, 1982 को उन्होंने पद की शपथ ली।
उनके कार्यकाल में अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर में ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ तथा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या प्रमुख घटनाएँ हैं।
25 दिसंबर, 1994 को ज्ञानी ज़ैल सिंह का निधन हो गया।
उनकी स्मृति में भारतीय डाक विभाग ने वर्ष 1995 में प्रथम पुण्यतिथि पर एक डाक टिकट जारी किया।