न्यायमूर्ति अन्ना चांडी ● न्यायमूर्ति अन्ना चांडी का जन्म 4 मई | Utkarsh Ramsnehi Gurukul
न्यायमूर्ति अन्ना चांडी
● न्यायमूर्ति अन्ना चांडी का जन्म 4 मई, 1905 को भारत के तत्कालीन त्रावणकोर राज्य (अब केरल) में एक मलयाली सीरियाई ईसाई परिवार में हुआ।
● वे केरल राज्य की पहली महिला थीं, जिसने क़ानून की डिग्री प्राप्त की थी।
● वर्ष 1956 में चांडी केरल के उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनीं, जो वर्ष 1965 में डेम एलिजाबेथ लेन के ब्रिटेन में उच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनने से बहुत पहले न्यायाधीश बन गईं थी।
● न्यायमूर्ति अन्ना चांडी भारत की पहली महिला न्यायाधीश थीं और उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बनने वाली देश की पहली महिला थीं।
● अन्ना चांडी को 'पहली पीढ़ी की नारीवादी' के रूप में भी जाना जाता है।
● वे ‘श्रीमती’ नामक पत्रिका की संस्थापक और संपादक बनीं जिसमें उन्होंने महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया। यह मलयालम भाषा में पहली महिला पत्रिका थी।
● सेवानिवृत्ति के बाद , उन्होंने भारत के विधि आयोग में कार्य किया तथा यहीं रहते हुए अपनी आत्मकथा भी लिखी।
● वर्ष 1971 में मलयाला मनोरमा ने उनकी आत्मकथा को क्रमबद्ध किया, जिसे वर्ष 1973 में कार्मेल बुक्स द्वारा त्रिशूर में आत्मकथा शीर्षक के तहत प्रकाशित किया गया।
● 20 जुलाई, 1996 को उनका निधन हो गया।