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राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को भारत में ‘ | Utkarsh Ramsnehi Gurukul

राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस
प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को भारत में ‘राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
यह देश के विभिन्न सार्वजनिक विभागों में लगे सभी अधिकारियों की सराहना के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो भारत की प्रशासनिक मशीनरी को चलाने के लिए अथक् प्रयास करते हैं।
यह दिन विभिन्न विभागों में काम कर रहे सिविल सेवकों के लिए सबसे ऊपर देश के नागरिकों की सेवा करने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में भी कार्य करता है।
भारत में प्रथम सिविल सेवा दिवस का आयोजन 21 अप्रैल, 2006 को विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था।
21 अप्रैल, 1947 को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने मेटकॉफ हाउस में स्वतंत्र भारत में सिविल सेवकों के पहले बैच को संबोधित किया था। ज्ञात हो, उन्होंने अपने प्रेरक भाषण में सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा था।
इसी दिन राष्ट्रीय राजधानी में, सिविल सेवकों की उत्कृष्टता के लिए उन्हें भारत के प्रधानमंत्री द्वारा पुरस्कृत भी किया जाता है।
ईस्ट इंडिया कंपनी के अंत के बाद, 1886 ई. में CSS का नाम बदलकर इम्पीरियल सिविल सर्विस कर दिया गया तथा यह ब्रिटिश क्राउन के अधीन था।
बाद में, उसी वर्ष एचिसन आयोग द्वारा यह घोषणा की गई कि भारतीयों को भी सार्वजनिक सेवाओं में रोजगार दिया जाना चाहिए। इस प्रकार, इंपीरियल सिविल सर्विस का नाम बदलकर भारतीय सिविल सेवा का नाम दिया गया था।
भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन वर्ष 1922 में किया गया था।
1 अक्टूबर, 1926 को सर रॉस बार्कर की अध्यक्षता में भारत के लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई थी।
वर्ष 1924 में अखिल भारतीय सेवाओं का नाम बदलकर सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज कर दिया गया।
चूँकि वर्ष 1939 के बाद यूरोपीय लोगों की उपलब्धता कम हो गई, इसलिए सेवा में भारतीयों की संख्या में वृद्धि हुई।
वर्ष 1947 के बाद, भारतीय सिविल सेवा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) बन गई। भारत में IAS अधिकारी बनने वाले पहले व्यक्ति सत्येंद्रनाथ टैगोर थे।
वर्ष 2023 के राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का आयोजन नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किया जा रहा है।
इस आयोजन के दौरान चार चिह्नित प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों को भी शामिल किया गया हैं।
चार चिह्नित प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों – हर घर जल योजना के माध्यम से स्वच्छ जल को बढ़ावा, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के माध्यम से स्वस्थ भारत को बढ़ावा, समग्र शिक्षा के माध्यम से एक समान और समावेशी कक्षा के वातावरण के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा, आकांक्षी जिला कार्यक्रम के माध्यम से समग्र विकास – संतृप्ति दृष्टिकोण पर विशेष ध्यान देने के साथ समग्र प्रगति में किए गए अनुकरणीय कार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
उपर्युक्त चार चिह्नित कार्यक्रमों के लिए आठ पुरस्कार दिए जाएँगे, जबकि नवाचारों के लिए सात पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे।