Get Mystery Box with random crypto!

कोमल कोठारी कोमल कोठारी का जन्म 4 मार्च, 1929 को राजस्थान के | Utkarsh Ramsnehi Gurukul

कोमल कोठारी
कोमल कोठारी का जन्म 4 मार्च, 1929 को राजस्थान के जोधपुर में हुआ था।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा उदयपुर में हुई थी।
कोमल कोठारी ने वर्ष 1953 में अपने पुराने दोस्त विजयदान देथा, जो देश के अग्रणी कहानीकारों में गिने जाते हैं, उनके साथ मिलकर 'प्रेरणा' नामक पत्रिका निकालनी शुरू की, जिसका उद्देश्य हर महीने एक नया लोकगीत खोजकर उसे लिपिबद्ध करना था।
विभिन्न प्रकार के काम करने के बाद कोमल कोठारी ने वर्ष 1958 में अन्ततः 'राजस्थान संगीत नाटक अकादमी' में कार्य करना शुरू किया।
इन्हें 'भारत सरकार' द्वारा वर्ष 2004 में कला के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया था।
ये कोमल कोठारी जी के परिश्रम का ही परिणाम था कि वर्ष 1963 में पहली बार मांगणियार कलाकारों का कोई दल राजधानी दिल्ली गया और वहाँ जाकर मंच पर अपनी प्रस्तुति दे सका।
कोमल कोठारी द्वारा राजस्थान की लोक कलाओं, लोक संगीत एवं वाद्यों के संरक्षण, लुप्त हो रही कलाओं की खोज एवं उन्नयन तथा लोक कलाकारों को प्रोत्साहित करने हेतु वर्ष 1964 में बोरूंदा में ‘रूपायन संस्थान’ की स्थापना की गई थी।
राजस्थानी लोक गीतों व कथाओं आदि के संकलन एवं शोध हेतु समर्पित कोमल कोठारी को राजस्थानी साहित्य में किए गए कार्य हेतु 'नेहरू फैलोशिप' भी प्रदान की गई थी।
इसके अतिरिक्त राजस्थान सरकार द्वारा इन्हें 'राजस्थान रत्न' से भी सम्मानित किया गया।
राजस्थानी लोक संगीत को संरक्षित करने वाले कोमल कोठारी का 20 अप्रैल, 2004 को निधन हो गया।