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बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ' जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नह | Utkarsh Ramsnehi Gurukul

बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर
" जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है वो आपके किसी काम की नहीं!"

बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश में हिंदू महार जाति (Hindu Mahar Caste) में हुआ था। उन्हें समाज में हर तरफ से भारी भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि महार जाति को उच्च वर्ग द्वारा 'अछूत' के रूप में देखा जाता था।
डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक, न्यायविद्, अर्थशास्त्री, लेखक, बहुभाषाविद्, विद्वान और विभिन्न धर्मों के विचारक थे।
भारत के पहले कानून मंत्री डॉ. अंबेडकर को 'भारतीय संविधान का जनक' माना जाता है।
डॉ. अंबेडकर संविधान निर्माण की मसौदा (प्रारूप) समिति के अध्यक्ष थे।
डॉ. अंबेडकर ने मार्च, 1927 में उन हिंदुओं के खिलाफ 'महाड़ सत्याग्रह' का नेतृत्व किया जो नगरपालिका बोर्ड के फैसले का विरोध कर रहे थे तथा वर्ष 1926 में 'म्यूनिसिपल बोर्ड ऑफ महाड़' (महाराष्ट्र) ने सभी समुदायों को तालाबों का उपयोग करने से संबंधित आदेश पारित किया।
उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया।
वर्ष 1932 में डॉ. अंबेडकर ने महात्मा गाँधी के साथ 'पूना समझौते' पर हस्ताक्षर किए, जिससे उन्होंने दलित वर्गों (सांप्रदायिक पंचाट) हेतु पृथक् निर्वाचन मंडल की माँग के विचार को त्याग दिया।
'हिल्टन यंग कमीशन' के समक्ष प्रस्तुत उनके विचारों ने 'भारतीय रिज़र्व बैंक' की नींव रखने का कार्य किया।
वर्ष 1936 में वे विधायक (MLA) के रूप में बॉम्बे विधानसभा के लिए चुने गए।
वर्ष 1942 में उन्हें एक कार्यकारी सदस्य के रूप में वायसराय की कार्यकारी परिषद् में नियुक्त किया गया था।
डॉ. अंबेडकर ने 'हिंदू कोड बिल' पर मतभेद को लेकर वर्ष 1951 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
वर्ष 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।
डॉ. अंबेडकर ने मूकनायक, बहिष्कृत भारत, समता, जनता (पत्रिकाएँ), जाति प्रथा का विनाश, बुद्ध या कार्ल मार्क्स, अछूत: वे कौन थे और अछूत कैसे बन गए, बुद्ध और उनके धम्म एवं हिंदू महिलाओं का उदय और पतन (पुस्तकें) नामक कृतियों का लेखन एवं सम्पादन किया।
कालांतर में डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया तथा 6 दिसंबर, 1956 (महापरिनिर्वाण दिवस) को उनका निधन हो गया।
केंद्र सरकार ने अंबेडकर सर्किट नामक एक विशेष पर्यटक सर्किट की घोषणा की जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर से संबंधित पाँच प्रमुख स्थलों को शामिल किया गया है।
सरकार द्वारा घोषित पर्यटन सर्किट के पाँच शहरों में मध्य प्रदेश के महू में अंबेडकर का जन्मस्थान (जन्मभूमि), लंदन में वह स्थान जहाँ वह अपने अध्ययन काल में रहे थे (शिक्षा भूमि), नागपुर में वह स्थान जहाँ उन्होंने बौद्ध धर्म ग्रहण किया (दीक्षा भूमि), दिल्ली में उनके निधन का स्थान (महापरिनिर्वाण भूमि) एवं मुंबई में उनके अंतिम संस्कार का स्थान (चैत्य भूमि) शामिल हैं।