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मनोहर श्याम जोशी हिंदी प्रसिद्ध पत्रकार और टेलीविज़न धारावाह | Utkarsh Ramsnehi Gurukul

मनोहर श्याम जोशी
हिंदी प्रसिद्ध पत्रकार और टेलीविज़न धारावाहिक लेखक मनोहर श्याम जोशी का जन्म 9 अगस्त, 1933 को कुमाऊँ में हुआ।
जोशी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक किया।
इन्होंने ‘दिनमान’ पत्रिका में सहायक संपादक और साप्ताहिक हिंदुस्तान में संपादक के रूप में भी कार्य किया।
इन्होंने वर्ष 1984 में भारतीय दूरदर्शन के प्रथम धारावाहिक ‘हम लोग’ के लिए कथा-पटकथा लेखन शुरू करने के बाद से मृत्युपर्यंत स्वतंत्र लेखन किया।
इनकी प्रमुख रचनाओं में ‘कुरु कुरु स्वाहा’, ‘कसप’, ‘हरिया हरक्यूलीज़ की हैरानी’, ‘हमज़ाद’, ‘क्याप’ (कहानी संग्रह); ‘एक दुर्लभ व्यक्तित्व’, ‘कैसे किस्सागो’, ‘मंदिर घाट की पौड़ियाँ’, ‘ट-टा प्रोफ़ेसर षष्ठी वल्लभ पंत’, ‘नेताजी कहिन’, ‘इस देश का यारों क्या कहना’ (व्यंग्य-संग्रह); ‘बातों-बातों में’, ‘इक्कीसवीं सदी’ (साक्षात्कार - लेख - संग्रह); ‘लखनऊ मेरा लखनऊ’, ‘पश्चिमी जर्मनी पर एक उड़ती नज़र’ (संस्मरण-संग्रह); ‘हम लोग’, ‘बुनियाद’, ‘र्मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ (टेलीविज़न धारावाहिक) इत्यादि शामिल हैं।
उनकी रचना ‘क्याप’ के लिए उन्हें वर्ष 2005 के ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
प्रसिद्ध साहित्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार, दूरदर्शन धारावाहिक लेखक, जनवादी-विचारक, फ़िल्म पट-कथा लेखक, उच्च कोटि के संपादक एवं कुशल प्रवक्ता मनोहर श्याम जोशी का निधन 30 मार्च, 2006 को नई दिल्ली में हुआ।