वस्तुनिष्ठ प्रश्न UGC NET PART हिंदी भाषा एवं साहित्य से ज | हिंदी साहित्य / Hindi Sahitya 🌟
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
UGC NET PART हिंदी भाषा एवं साहित्य से जुड़े तथ्य
युवक का भाववाचक संज्ञा क्या है?
(A) युवा
(B) यौवन
(C) जवान
(D) वंशज
Answer : यौवन
Explanation : युवक शब्द का भाववाचक संज्ञा यौवन है। जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण-धर्म, दोष, भाव, दशा, स्वभाव, अवस्था आदि का बोध होता है उन्हें भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) कहा जाता है। भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत अमूर्त रूप के भावों की संकल्पना की जाती है।
फल (Phal) को संस्कृत में क्या कहते हैं?
(A) फलम्
(B) फलानि
(C) फलागम
(D) फलोच्चय
Answer : फलम्
Explanation : फल (Phal) को संस्कृत में फलम् कहते हैं। इसी तरह फलागम के फल प्राप्ति और फलोच्चय के फलों का ढ़ेर कहते है। संस्कृत (Sanskrit) विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इसी से आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली आदि उत्पन्न हुई हैं। भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को भी सम्मिलित किया गया है। यह उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने इसे देश की आधिकारिक भाषा बनाने का सुझाव दिया था।
बालक का भाववाचक संज्ञा क्या है?
(A) शिशु
(B) बालकपन
(C) बच्चा
(D) वंशज
Answer : बालकपन
Explanation : बालक शब्द का भाववाचक संज्ञा बालकपन है। जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण-धर्म, दोष, भाव, दशा, स्वभाव, अवस्था आदि का बोध होता है उन्हें भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) कहा जाता है। भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत अमूर्त रूप के भावों की संकल्पना की जाती है।
बच्चा का भाववाचक संज्ञा क्या है?
(A) शिशु
(B) बचपन
(C) बालक
(D) वंशज
Answer : बचपन
Explanation : बच्चा शब्द का भाववाचक संज्ञा बचपन है। जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण-धर्म, दोष, भाव, दशा, स्वभाव, अवस्था आदि का बोध होता है उन्हें भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) कहा जाता है। भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत अमूर्त रूप के भावों की संकल्पना की जाती है।
राष्ट्र का भाववाचक संज्ञा क्या है?
(A) जाति
(B) राष्ट्रीयता
(C) सरकार
(D) जनता
Answer : राष्ट्रीयता
Explanation : राष्ट्र शब्द का भाववाचक संज्ञा राष्ट्रीयता है। जिस संज्ञा शब्द से किसी के गुण-धर्म, दोष, भाव, दशा, स्वभाव, अवस्था आदि का बोध होता है उन्हें भाववाचक संज्ञा (Bhav Vachak Sangya) कहा जाता है। भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत अमूर्त रूप के भावों की संकल्पना की जाती है।