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वस्तुनिष्ठ प्रश्न UGC NET PART हिंदी भाषा एवं साहित्य से ज | हिंदी साहित्य / Hindi Sahitya 🌟

वस्तुनिष्ठ प्रश्न
UGC NET PART हिंदी भाषा एवं साहित्य से जुड़े तथ्य

बालकृष्ण भट्ट की रचनाएं कौन सी है?
(A) भट्ट निबंधावली
(B) साहित्य सुमन
(C) ​नूतन ब्रह्मचारी
(D) उपयुक्त सभी

Answer : उपयुक्त सभी
Explanation : बालकृष्ण भट्ट की रचनाएं में 'भट्ट निबंधावली' और 'साहित्य सुमन' उनके चुनिंदा निबंधों का संग्रह है और 'नूतन ब्रह्मचारी' और 'सौ अजान एक सुजान' उनके प्रमुख उपन्यास हैं। 'दमयंती', 'चंद्रसेन', 'रेल का विकट खेल', 'स्वयंवर', 'बाल-विवाह' नाटक के अलावा भट्ट जी ने बांग्ला तथा संस्कृत से नाटकों का अनुवाद भी किया। हास्य प्रधान व्यंग्य 'पंच महाजन' भी लिखा।

भारतेंदु हरिश्चंद्र के बाद हिंदी पत्रकारिता को दिशा देने में पं. बालकृष्ण भट्ट का योगदान अतुलनीय है। पत्रिका 'हिंदी प्रदीप' के जरिए प्रयाग में अंग्रेजों से लोहा लेने वाले बालकृष्ण जी ने आमजन को हिंदी से जोड़ने की मुहिम छेड़ी। बालकृष्ण भट्ट ने सदैव ही नए लेखकों को प्रोत्साहित किया। इलाहाबाद (अब, प्रयागराज) में जन्मे भट्ट जी ने अपने जीवनकाल में अनेक निबंध, उपन्यास, नाटक और लेख लिखे।

चारण काव्य की भाषा क्या है?
(A) डिंगल
(B) प्राकृत
(C) अवहट्ट
(D) ब्रजभाषा

Answer : अवहट्ट
Explanation : चारण काव्य की भाषा अवहट्ट है। चारण आदिकालीन प्राचीन काव्य है। यह अपने आश्रयदाता राजाओं को प्रशंसा में लिखा गया है। रासो काव्य में डिंगल भाषा का प्रयोग हुआ है। हिंदी साहित्य के इतिहास में मध्यकाल को चारण काल ​​के नाम से जाना जाता है।

नारद का अर्थ क्या होता है?
(A) सब जगह ​विद्यमान
(B) बिना विभाजित
(C) समस्या सुलझाने वाला
(D) लड़ाई–झगड़ा लगाने वाला व्यक्ति

Answer : बिना विभाजित
Explanation : नारद का अर्थ 'बिना विभाजित' होता है। ना और रद, इन दोनों का समन्वय नारद है, जिसमें ना का अर्थ है नहीं और रद का अर्थ है विभाजित करना। इसलिए नारद शब्द का मतलब बिना विभाजित चेतना से है। लेकिन गूगल में आपको लड़ाई–झगड़ा लगानेवाला व्यक्ति दिखाई देगा। महर्षि नारद, ब्रह्मा जी के मानस पुत्र हैं। महर्षि नारद के पास तीनों लोकों में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान उनके पास न हो। ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष में नारद जयंती मनाई जाती है। नारद जयंती के अवसर पर नारद चरित्र को आत्मसात कर जीवन में सफलता, खुशियां पाई जा सकती हैं।

आलू (Aloo) को संस्कृत में क्या कहते हैं?
(A) आलुकम्
(B) शकरकन्दः
(C) अलाबूः
(D) मरीचम्

Answer : आलुकम्
Explanation : आलू को संस्कृत में आलुकम् कहते है। संस्कृत में सब्जियों के नाम अधिकतर TGT, PGT, UGC, TET आदि परीक्षाओं में ​अधिकतर पूछे जाते है। Vegitables Name in Sanskrit के अंतर्गत संस्कृत में सब्जियों के नाम भी अकसर गूगल पर सर्च किये जाते रहे है। संस्कृत में सब्जियों के मुख्य नाम जैसे– अदरक – आर्द्रकम्, आलू – आलुकम्, करेला – कारबेल्लम्, गाजर – गृञ्जनम्, टमाटर – रक्त वृन्तकम्, धनिया – धान्याकम्, पालक – पालक्या, मटर – कलायः, मूली – मूलिका आदि हैं। सनद रहे कि संस्कृत (Sanskrit) भाषा विश्व की प्राचीनतम भाषा मानी जाती है। आस्तिक भारतीय इसे सीधे परमात्मा के मुख से नि:सृत भाषा या वाक्प्रवाह मानते हैं, इसी से इसे 'देवभाषा' भी कहते हैं। 'संस्कृत' शब्द 'सम्+सुट्+कृ+क्त' रूप से बना है। इसका अर्थ है 'प्रकृति-प्रत्ययादि से संस्कार की गई भाषा'। संस्कृत (Sanskrit) भारतीय राज्य उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा भी है।

आलू (Aaloo) को संस्कृत में क्या कहते हैं?
(A) पक्कालुः
(B) तिंतिडीकम्‚ तिंतिडी
(C) कौशिकः
(D) आम्रम्‚ रसालः‚ सहकारः

Answer : पक्कालुः
Explanation : आलू (Aaloo) को संस्कृत में आलुकम् कहते हैं। जबकि आलू की टिकिया को पक्कालुः कहते है। संस्कृत (Sanskrit) विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। इसी से आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली आदि उत्पन्न हुई हैं। भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को भी सम्मिलित किया गया है। यह उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने इसे देश की आधिकारिक भाषा बनाने का सुझाव दिया था।