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अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' जन्म-15 अप्रैल, सन् 1865 ई., व | हिंदी साहित्य / Hindi Sahitya 🌟

अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

जन्म-15 अप्रैल, सन् 1865 ई., विद्वान और राजसम्मान से सम्मानित परिवार में, निजामाबाद, आजमगढ़, उत्तारप्रदेश।
शिक्षा-1879 ई. में मिडिल की परीक्षा पास की। फिर काशी के क्वींस कॉलेज में अध्ययन। 1887 ई. में नार्मल की परीक्षा और 1889 ई. में कानूनगो की परीक्षा पास की।
आजीविका-पढ़ाई के साथ ही 1884 ई. में निजामाबाद के मिडिल स्कूल में अध्यापन-कार्य शुरू। 1923 ई. में सरकारी कार्य से अवकाश।
साहित्यिक जीवन का आरम्भ-1899 ई. में 'रसिकरहस्य' नामक पहले काव्य का प्रकाशन खड्गविलास, प्रेस, पटनासे।
प्रमुख कृतियाँ-काव्य % काव्योपबन, प्रियप्रवास, बोलचाल, चोखे चौपदे, चुभते चौपदे, रसकलस, वैदेही वनवास, पारिजात, कल्पलता, मर्मस्पर्श, पवित्रा पर्व, दिव्य दोहावली, हरिऔध सतसई। गद्य % रुक्मिणी परिणय (नाटक), ठेठ हिन्दी का ठाट (उपन्यास), अधाखिला फूल (उपन्यास), हिन्दी भाषा और साहित्य का विकास, विभूतिमती ब्रजभाषा, संदर्भ सर्वस्व (आलोचना), कबीर वचनावली (संपादन)।
सम्मान-मार्च 1924 ई. से 1941 ई. तक हिन्दू विश्वविद्यालय, काशी में हिन्दी के अवैतनिक अध्यापक। 1922 ई. में हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति। 1934 ई. में दिल्ली में होनेवाले हिन्दी साहित्य सम्मेलन के चौबीसवें अधिवेशन के सभापति। 12 सितम्बर, 1937 ई. को नागरी प्रचारिणी सभा, आरा की ओर से राजेन्द्र बाबू के करकमलाें द्वारा अभिनन्दन ग्रन्थ भेंट। 1938 ई. में 'प्रियप्रवास' पर मंगला प्रसाद पुरस्कार।
निधन-होली, 1947 ई.।

डॉ. तरुण कुमार
जन्म-03 फरवरी, 1960, ग्राम-पाली, काशीचक, नवादा(बिहार)। पटना कॉलेज, पटना विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राधयापक, पटना प्रगतिशील लेखक संघ के सचिव (1987-1992), 'समीक्षा', 'उत्तारशती', 'ज्योत्स्ना', 'वागर्थ', 'कसौटी', 'आलोचना' जैसी पत्रिाकाओं में समीक्षाएँ एवं लेख प्रकाशित।
प्रकाशन-दृश्य-परिदृश्य (आलोचना), निराला की विचारधारा और विवेकानन्द। संपादन-'कसौटी' साहित्यिक त्रौमासिक (सह-संपादन), हिन्दी की कालजयी कहानियाँ, दिनकर रचनावली (संयुक्त संपादन)।