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कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो गाइडों में नहीं मिलेंगे। किन्तु परीक् | हिन्दी साहित्य / Hindi Sahitya 🌟

कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो गाइडों में नहीं मिलेंगे। किन्तु परीक्षा में आएंगे

जीवनीपरक आलोचना 'महाप्राण निराला' एवम 'महीयसी महादेवी' किसने लिखी - गंगाप्रसाद पांडेय

'छायावाद के आधार स्तंभ' नामक पुस्तक किसकी है - गंगा प्रसाद पांडेय

जवाहर लाल : एक मध्य बिंदु, नेहरू जी : विचार और व्यक्तित्व, नेहरू की काव्यानुभूतियाँ नामक निबन्ध किसने लिखे - शांतिप्रिय द्विवेदी

छायावाद को "करुणा की छाया में सौंदर्य के माध्यम से व्यक्त होने वाला भावात्मक सर्ववाद" किसने कहा - महादेवी वर्मा

अरविंद दर्शन एवम अंतश्चेतनावाद का प्रभावी विश्लेषण पन्त के किस भूमिका में प्रकट होती है - उत्तरा की

किस छायावादी कवि ने कविकर्म को आध्यात्मिक कर्म बताया है - जयशंकर प्रसाद

"नयी कविता यदि अनुभूति को आधार मानकर चलती है तो रस से उसकी मुक्ति नहीं है" किस आलोचक का कथन है - डॉ नागेंद्र

"उर्मिला के विरह में मानवता की पुकार है - यह अधिक स्वाभविक है। साथ ही गरिमा की न्यूनता नहीं है, वह विश्वव्यापी है" कथन किसका है - डॉ नगेन्द्र

सुमित्रानंदन पंत आलोचना के क्षेत्र में किसकी पहली पुस्तक है - डॉ नगेन्द्र

"सूरदास की राधा केवल विलासिनी नहीं है। श्री कृष्ण के साथ उनका केवल युवा काल का सम्बंध नहीं है, वे परकीया नायिका भी नहीं है" कथन किस आलोचक का है - हज़ारी प्रसाद द्विवेदी

"साहित्य समीक्षा अंततः विचार जगत की वस्तु है" - नन्द दुलारे वाजपेयी