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भाषा भाषा वह साधन है जिसके माध्यम से हम अपने विचारों को व्यक्त | हिन्दी साहित्य / Hindi Sahitya 🌟

भाषा
भाषा वह साधन है जिसके माध्यम से हम अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। भाषा शब्द संस्कृत के भाष् से व्युत्पन्न है। भाष् धातु से अर्थ ध्वनित होता है-प्रकट करना।


तथ्य
ध्वनि भाषा - शरीर की सबसे छोटी इकाई है, ध्वनि भाषा की लघुत्तम और वाक्य भाषा की पुर्ण इकाई है।

व्याकरण- जो विद्या भाषा का विश्लेषण करती है व्याकरण कहलाती है।

वर्ण विचार
1. वर्ण
2. शब्द
3. वाक्य

हिन्दी में 44 वर्ण है जिन्हें दो भागों में बांटा जा सकता है- स्वर और व्यंजन

1. स्वर(11)
2. व्यंजन(33)

1. स्वर
ऐसी ध्वनियां जिनका उच्चारण करने में अन्य किसी ध्वनि की सहायता की आवश्यकता नहीं होती, उन्हें स्वर कहते हैं।

स्वर ग्यारह होते हैं-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ

दो भागों में बांटा गया है
हृस्व(4)
दीर्घ(7)
हृस्व स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में उपेक्षाकृत कम समय लगता है -
जैसे- अ, इ, उ, ऋ

दीर्घ स्वर - जिन स्वरों को बोलने में अधिक समय लगता है-
जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ

2. व्यंजन
जो ध्वनियां स्वरों की सहायता से बोली जाती है उन्हें व्यंजन कहते है।

व्यंजन 33 होते हैं-

इन्हें 5 वर्गो तथा स्पर्श, अन्तस्थ, ऊष्म व्यंजनों में बांटा जा सकता है।

स्पर्श - 25
क वर्ग - क ख ग घ ड़
च वर्ग - च छ ज झ ञ
ट वर्ग - ट ठ ड ढ ण
त वर्ग - त थ द ध न
प वर्ग - प फ ब भ म

अन्तस्थ - 4
य र ल व

ऊष्म - 4
श् ष् स् ह्

संयुक्ताक्षर - इसके अतिरिक्त हिन्दी में तीन संयुक्त व्यंजन भी होते हैं-

क्ष - क् + ष्
त्र - त् + र्
ज्ञ - ज् + ञ´

हिन्दी वर्ण माला में 11 स्वर और 33 व्यंजन अर्थात कुल 44 वर्ण है तथा तीन संयुक्ताक्षर है।