था, तब कहीं इस महान बलिदान के बाद देश स्वतंत्र हो सका था। जिस | 🪷 आज की प्रेरणा 🪷
था, तब कहीं इस महान बलिदान के बाद देश स्वतंत्र हो सका था। जिस तरह देश का संविधान है, ठीक उसी तरह परमात्मा का भी संविधान है, यदि हम सब देश की संविधान की तरफ परमात्मा के संविधान का पालन करें तो समाज अपराध मुक्त व सशक्त बन सकता है।
आप सभी को गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) की हार्दिक शुभकामनाएँ