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!! कहानी जीवन की !! – कर्म पूजा ━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━ | 🪷 आज की प्रेरणा 🪷




!! कहानी जीवन की !!


– कर्म पूजा

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अवध के राजा महेन्द्र प्रताप सिंह बहुत ही धार्मिक, दयालु एवं नीतिवान व्यक्तित्व के धनी थे। वे अपनी प्रजा का बहुत ध्यान रखते थे और उनका हाल जानने के लिये अक्सर रात में वेश बदलकर निकलते थे। एक बार वे दीपावली की रात्रि को भी वेश बदलकर महल के पिछवाडे से निकल पड़े।

दीपावली के त्यौहार के कारण समस्त नगर में जगह जगह दीप जगमगा रहे थे। बच्चे आतिशबाजी कर रहे थे। लोग एक दूसरे का अभिवादन कर उन्हें बधाइयाँ दे रहे थे। राजा अपनी प्रजा को हँसी-खुशी त्यौहार मनाते देखकर अत्यंत प्रसन्न थे। प्रजा की खुशहाली को वह राज्य की समृद्धि का प्रतीक मानते थे। राजा नगर भ्रमण के बाद महल की ओर लौट रहे थे तभी रास्ते में एक अंधेरी झोपड़ी देखकर वे चौंक गये।

झोपड़ी का दरवाजा अधखुला था। वे दरवाजे के पास गये। अंदर एक वृद्ध व्यक्ति टिमटिमाते दीपक के पास माथे पर हाथ रखे बैठे थे। उनके पास ही एक थाली में पूजा का सामान रखा हुआ था। वे वृद्ध व्यक्ति उनसे बोले - महाशय मैं कब से आपकी प्रतीक्षा कर रहा हूँ। मैं वृद्ध होने के कारण अकेले पूजा करने में असमर्थ हूँ। क्या आप मेरी सहायता करेंगे ?

राजा असमंजस में पड़ गये और सोचने लगे कि यदि मैं यहाँ रूकता हूँ तो महल पहुँचने में देर हो जाएगी और पूजन का मूहुर्त निकल जायेगा। उस वृद्ध के पुनः निवेदन करने पर राजा मना नहीं कर सके और उन्होंने उसके साथ बैठकर पूजन का प्रारंभ किया। उन्होंने राजा से कहा कि पूजा कि थाली से रोली और चावल उठाकर आँख बंद कर लो। राजा ने वैसा ही किया। जैसे ही राजा ने आँखें खोली वह सामने का दृश्य देखकर हैरान हो गये।

जिस झोपड़ी में वह बूढ़े के पास बैठे थे, उस जगह पर बूढ़े के स्थान पर साक्षात् कुबेर जी एवं लक्ष्मी जी विराजमान थी। राजा ने रोली और चावल दोनों के मस्तक पर लगाये और प्रणाम किया। कुबेर जी ने आशीर्वाद देते हुये कहा कि जहाँ का राजा, प्रजा की इच्छा और आवश्यकताओं का स्वयं के परिवार जैसा ध्यान रखता हो उस राज्य में कभी कोई कमी नहीं हो सकती है। इसी प्रकार लक्ष्मी जी ने भी आशीर्वाद देते हुये कहा - राजन ! तुम्हारा प्रजा के प्रति प्रेम देखकर मैं प्रसन्न हूँ। जहाँ का शासक प्रजा प्रेमी हो वह राज्य सदा धन धान्य से भरा रहता है। इसी कारण मैं पिछले कई सालों से तुम्हारे राज्य में हूँ। जब तक इस राज्य में प्रजा प्रेमी शासक रहेंगे तब तक मैं भी यहाँ विद्यमान रहूँगी।


शुभप्रभात
!! शुभ रविवार !!
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो!
सदैव प्रसन्न रहिये!

𝐉𝐨𝐢𝐧 @TodaysInspiration

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