जीवन जीने की दो शैलियाँ हैं। एक जीवन को उपयोगी बनाकर जिया जाए | चाय_और_शायरी ( Dil ❤ Ka Sukoon )
जीवन जीने की दो शैलियाँ हैं। एक जीवन को उपयोगी बनाकर जिया जाए और दूसरा इसे उपभोगी बनाकर जिया जाए। जीवन को उपयोगी बनाकर जीने का मतलब है उस फल की तरह जीवन जीना जो खुशबू और सौंदर्य भी दूसरों को देता है और टूटता भी दूसरों के लिए हैं। टेंशन इतनी ही लेनी कि जितने में काम हो जाए इतनी नहीं, कि जिंदगी झंडुबाम हो जाए ।।
सुप्रभात