तुम्हारे रूबरू होने भर से मैं,मैं नहीं रहता, बेबाक हो जाता हूँ मैं,कोई भय नहीं रहता, मेरी यादें भी याद फ़कत तुम्हें ही करती हैं, मेरे ज़र्रे ज़र्रे में तुम हो,कोई और नहीं रहता । 12.6K viewsᴋɪɴɢ, 11:15