जुदा होकर भी उसका इंतज़ार है तो है, उस ज़ालिम से आज भी प्यार ह | मोहब्बत शायरी
जुदा होकर भी उसका इंतज़ार है तो है,
उस ज़ालिम से आज भी प्यार है तो है,
ख़बर है मुझे उसकी नज़रअंदाज़ी की,
मगर उसे देखने को दिल बेक़रार है तो है,
वो करते रहें गैरों सा सलूक हम से,
मगर वो मेरे अपनों में शुमार है तो है,
चाहे खड़ी कर दें वो नफ़रत की दीवार,
मगर फिर भी उस पे जां निसार है तो है,
बेशक़ मोहब्बत आज भी उसी से है,
धड़कनें आज भी उसकी तलबगार हैं तो है..!!
#GoodMorning