ना जाने कैसा इश्क़ है तुझसे, सुबह और शाम है तुझसे, सितारे हैं | मोहब्बत शायरी
ना जाने कैसा इश्क़ है तुझसे,
सुबह और शाम है तुझसे,
सितारे हैं आसमा में कई,
बस एक चाँद, चाँदनी है तुझसे,
हंसी, ग़म, उतार-चढ़ाव
साँस और धड़कन है तुझसे,
बेइंतहा इश्क़ का नाम है तू
मोहब्बत की पहचान है तुझसे ॥
#GoodMorning