जैसे जैसे सूरज ढलता है, मुझे तुम याद आते हो... जैसे जैसे रात | •✤┈•शायरी का समुद्र•┈✤•
जैसे जैसे सूरज ढलता है, मुझे तुम याद
आते हो...
जैसे जैसे रात अंधेरी होती है, मुझे तुम याद
आते हो...
मेरे अच्छे बुरे हालातो में मेरे दर्द भरे जज़बातों में...
मुझे तुम याद आते हो...
जब जब इश्क, महोब्बत, प्यार की बात होती है...
मुझे तुम याद आते हो...
जब जब दर्द, रुसवाई, बेवफाई की बात होती है...
मुझे तुम याद आते हो...
मेरी किस्मत के शिकवों में मेरी बनती बिगड़ती हांथो की लकीरों में...
मुझे तुम याद आते हो...
मेरे पल पल में, हर पल मुझे तुम बस तुम याद आते हो...
╭─❀⊰╯@Shayari_Ka_Samunder
╨───────────────────━❥