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'न कालो दण्डमुद्यम्य शिर: कॄन्तति कस्यचित् । कालस्य बलमेतावत् | Saffron Pride 🚩

"न कालो दण्डमुद्यम्य शिर: कॄन्तति कस्यचित् ।
कालस्य बलमेतावत् विपरीतार्थदर्शनम् ॥"

अर्थात- "काल किसी का शस्त्र से शिरच्छेद नही करता परंतु वह बुद्धीभेद करता है जिससे मनुष्य को गलत मार्ग ही सही लगता है और वह अपने विनाश की ओर बढ़ता है। बुद्धीभेद ही काल का बल है।"

महाभारत