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राजस्थान में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र राजस्थान के कृषि एवं सं | RAS Exam™

राजस्थान में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र

राजस्थान के कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का सकल राज्य मूल्यवर्द्धन (जी. एस.वी.ए.) स्थिर (2011-12 ) मूल्यों पर वर्ष 2018-19 में ₹1.57 लाख करोड़ से बढ़कर वर्ष 2022-23 में ₹2.09 लाख करोड़ हो गया

जो कि 7.48% की वार्षिक वृद्धि (सी.ए.जी.आर.) दर्शाता है

जबकि प्रचलित मूल्यों पर कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का सकल राज्य मूल्यवर्द्धन वर्ष 2018-19 में ₹2.22 लाख करोड़ से बढ़कर वर्ष 2022-23 में ₹3.79 लाख करोड़ हो गया, जो कि 14.33% वार्षिक वृद्धि दर्शाता है

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र के उप क्षेत्रों में फसल, पशुधनमत्स्य, वानिकी एवं लॉगिंग है

वर्ष 2022-23 में फसल क्षेत्र का अंश 46.00%, पशुधन क्षेत्र का अंश 46.41%, वानिकी क्षेत्र का अंश 7.20% और मत्स्य क्षेत्र का अंश 0.39% हैं

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में स्थिर (2011-12 ) मूल्यों पर वर्ष 2022-23 में वर्ष 2021-22 की तुलना में 5.22% की वृद्धि हुई है

फसल, पशुधन, वानिकी एवं लॉगिंग तथा मत्स्य क्षेत्र में क्रमश: 6.39%, 3.91%, 5.18% एवं 17.65% की वार्षिक वृद्धि होने का अनुमान है

वर्ष 2022-23 में प्रचलित मूल्यों पर फसल क्षेत्र एवं पशुधन क्षेत्र का सकल मूल्यवर्द्धन क्रमशः ₹1.83 लाख करोड़ एवं ₹1.76 लाख करोड़ रहना अनुमानित है

प्रारंभिक पूर्वानुमान के अनुसार राजस्थान में वर्ष 2022-23 में खाद्यान्न का कुल उत्पादन 253.99 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है, जो कि गत वर्ष के 231.52 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 9.71% अधिक है।

वर्ष 2022-23 में खरीफ खाद्यान्न का उत्पादन 97.98 लाख मीट्रिक टन होने की संभावना है

जो कि गत वर्ष के 85.82 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 14.17% अधिक है।

वर्ष 2022-23 में रबी खाद्यान्न का उत्पादन 156.01 लाख मीट्रिक टन होना अनुमानित है,

जो कि गत वर्ष 2021-22 में 145.70 लाख मीट्रिक टन की तुलना में 7.08% की वृद्धि दर्शाता है।

वर्ष 2020-21 में राजस्थान देश में बाजरा, सरसों, पोषक अनाज, कुल तिलहन एवं ग्वार फसलों के उत्पादन में प्रथम स्थान, कुल दलहन एवं मूंगफली के उत्पादन में द्वितीय स्थान एवं चना, ज्वार व सोयाबीन के उत्पादन में तृतीय स्थान पर रहा है।

वर्ष 2002-03 से 2006-07 की औसत उत्पादकता की तुलना में वर्ष 2021-22 में अनाज की उत्पादकता में 62.21%, दलहनों में 54.30% एवं तिलहनों में 36.65% वृद्धि हुई है।

पशु गणना-2019 के अनुसार, राजस्थान में कुल 568.01 लाख पशुधन एवं 146.23 लाख कुक्कुट हैं।

देश के कुल पशुधन का 10.60% राजस्थान में उपलब्ध है।

यहाँ देश का 7.24%

गौवंश, 12.47%
भैंस, 14.00%
बकरियाँ, 10.64%
भेड़ तथा
84.43% ऊँट उपलब्ध हैं।

राष्ट्रीय उत्पादन में वर्ष 2020-21 में राज्य का योगदान दूध उत्पादन में 14.63% एवं ऊन उत्पादन में 42.45% है।

राजस्थान में दूध का उत्पादन 2018-19 के 23,668 हज़ार टन से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 33,265 हज़ार टन हो गया है

जो कि 40.55% की वृद्धि दर्शाता है। इसी तरह अंडों का उत्पादन वर्ष 2018-19 के 1,662 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 2,688 मिलियन, वर्ष 2018-19 में माँस उत्पादन 192 हज़ार टन से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 221 हज़ार टन एवं वर्ष 2018-19 में ऊन उत्पादन 145 लाख किग्रा. से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 156 लाख किग्रा. हो गया है।

जल संसाधनों के आधार पर राजस्थान देश में दसवें स्थान पर है।

राज्य में वर्ष 2022-23 में मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य 80,000 मीट्रिक टन वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध नवंबर, 2022 तक 34,336.45 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ है।

राजस्थान में कुल घोषित वन क्षेत्र 32,864.62 वर्ग किमी. है, जो कि राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का 9.60% है। राज्य में वन आच्छादित क्षेत्र 4.87% है।

राज्य में ईको-टूरिज़्म की विपुल संभावनाएँ मौजूद हैं।

राज्य में 3 राष्ट्रीय उद्यान, 27 वन्यजीव अभयारण्य और 18 संरक्षित क्षेत्र हैं

इसके अलावा 4 बायोलॉजिकल पार्क भी जयपुर, उदयपुर, कोटा एवं जोधपुर में विकसित किये गए हैं।

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