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Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

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2022-06-22 11:29:15 गुरु जी क्या काम सुख के लिए कोई साधना है जिसमें वास्तविक जैसा सुख प्राप्त हो?

उत्तर -
यह प्रश्न यहाँ जुड़े असंख्य साधकों का हो सकता है इसलिए इस प्रश्न का उत्तर विस्तार दे देना अत्यंत आवश्यक है -

जिन्हें काम सुख नही पता वह समझें सम्भोग अथवा सेक्स को काम सुख कहते हैं यह सम्भोग की क्रिया अनेक प्रकार से संभव है प्रथम भौतिक शरीर से जैसे पति पत्नी करते हैं, दूसरा यौगिक माध्यम से जिसमे वीर्य नाश नही होता है तीसरा साधना के माध्यम से ऐसी सिद्धि करके जिसमे किसी अतृप्तता के साथ सम्भोग -

इसके लिए ३ साधना उपयुक्त है -

१. काम पिशाचिनी
२. भोग विलासिनी
३. रति साधना

अन्य साधना के माध्यम से भी यह संभव है लेकिन मैं इसी तीन के विषय में बता रहा हूँ -

काम पिशाचिनी एक तामसिक साधना है जिसमे साधक इसके शरीर को महसूस करके इसके साथ सम्भोग कर सकता है, अथवा इसे किसी अन्य महिला के शरीर में बुला के सम्भोग कर सकता है (जो की उचित नही है), यह साधक के लिए आर्थिक रूप से मदद करती रहती है.

भोग विलासिनी भी बिलकुल सामान कार्य करती है लेकिन यह कम दिनों में सिद्ध होती है और यह राजसिक साधना है इसमें कोई हानि नही होती है. - साधना विधि एवं मंत्र - https://t.me/rajyogipk/5616

रति साधना में सुख सामान प्राप्त होता है लेकिन इसके साथ साधक आध्यात्मिक प्रगति भी करता है और इस साधना को बिना किसी समस्या के किया जा सकता है लेकिन इसमें समय भी अधिक लगता है और इसके माध्यम से विधुर साधक एक सम्पन्न जीवन जी सकते हैं.

यह तीन साधनाएं मुख्य हैं बाकी अन्य साधना भी साधक देख सकते हैं जान सकते हैं लेकिन यह साधनाएं साधक काफी समय से कर रहे हैं तो यह सभी प्रमाणिक हैं अन्य काम कामिनी, काम कुमिदनी अनेक साधनाएं हैं लेकिन बेहतर वही तीन हैं.
647 viewsDewanshu, edited  08:29
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2022-06-22 09:28:12 गुरु जी मेरी एक जानकार लडकी है उसके पीछे एक ____ लड़का पड़ा हुआ था उसने मना किया तो उसने कुछ तंत्र मंत्र किया फिर सुसाइड कर लिया उसका बहुत बुरा आसार हुआ तन्त्र का हर चीज उसके जीवन की खराब हो गए तब ___ जाके ठीक हुआ फिर उसके बाद असर हुआ तो किसी ने फिर कुछ खिला दिया फिर उसके ऊपर असर हुआ तो पंडीत जी जो की साधना के छेत्र में है उन्होने ठीक किया अब फिर से शायद उसके ऊपर असर है पर कंफर्म नही हो रहा तो क्या गुरु जी आप किसी तरीके से बता सकते हैं क्या इसके ऊपर किसी तंत्र चौकी जिन जिन्नाद का असर है क्या और उसका निवारण

उत्तर -
यहाँ सभी साधक को सीखना चाहते हैं वह यह समझें की २ प्रकार से बाधा है प्रथम तंत्र दूसरी एक अतृप्त आत्मा जिसने उसी इच्छा से आत्महत्या की, अब २ प्रकार से यहाँ स्त्री पर बाधा बनी रहेगी जिसके निवारण हेतु साधक को सर्वप्रथम काय क्रमवीक्षण करवाना आवश्यक है जिससे यह पता किया जा सकते की किस प्रकार की समस्या अथवा नकारात्मकता से बाधित हैं स्त्री उसके बाद अन्य उपाय किये जा सकते हैं.

अब यदि साधक शीघ्र करना चाहते हैं जिससे लाभ हो सके तो साधक सिद्ध मद्य का सेवन करवाना शुरू करें २१ दिवस तक जब तक सिद्ध मद्य का प्रभाव रहेगा शरीर पे अन्य अतृप्तता से मुक्ति रहेगी लेकिन पूर्ण मुक्ति मिलेगी यह कहना संभव नही है अतः कुछ माह तक सिद्ध मद्य का सेवन आवश्यक है. सिद्ध मद्य के विषय में अधिक जानकारी एवं उसके अनुभव (https://t.me/rajyogipk/5286) आप सिद्ध मद्य सर्च बॉक्स में लिख के देख सकते हैं की किस प्रकार से साधकों के जीवन में बदलाव आये हैं.

साधक किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बाधित हों वह सिद्ध मद्य का सेवन कर सकते हैं और अपने जीवन में नकारात्मकता से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं .
753 viewsDewanshu, 06:28
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2022-06-22 09:11:06 Gurudev ji pradam Mai janana chahata hun ki apne pitron ya kisi anya hetu pret yoni se mukti ki koi sadhana batayen. Thanks

उत्तर -
यह समझ लीजिये की आप जो इच्छा प्रकट कर रहे हैं वह इतनी आसन नही है साधना में क्यूंकि ऐसी साधना करने के लिए साधक का अत्यंत धैर्ववान होना आवश्यक है और मेरे निजी अनुभव के आधार पर मैंने यह पाया है जो साधक तंत्र जगत में आते हैं वह कम समय में बहुत ज्यादा की इच्छा के साथ आते हैं तो बहुत ही कम साधक ऐसे होते हैं जिनमे धैर्य हो इसलिए अधिकाधिक साधक तंत्र में सफल होके वापस जाते हैं क्यूंकि उन्हें ऐसा लगता है की तंत्र एक मजाक है आग जला के उसमे कुछ डाल दिया तो हो गया तंत्र मेरी बाते पढने में कडवी लग रही होंगी लेकिन सत्य यही है हो सकता है आपको लगे इस मार्ग से नही दुसरे मार्ग से सफल हो जायेंगे हम लेकिन यह जान लीजिये जिस प्रकार से एक चाय बनाने के लिए जो आवश्यक वस्तुएं हैं वह आपको चाहिए ही होनी जिसमे अग्नि दूध पानी चाय आदि आदि अब अग्नि गैस से आये या लकड़ी से दूध गाय का हो या भैंस का पत्ती देसी हो या विदेशी लेकिम जो मूल है वो आवश्यक हैं ही इसलिए मार्ग कोई भी हो जो मूल नियम हैं उनका पालन आवश्यक ही रहेगा उसके बिना सफलता नही मिलेगी.

यह है एक आम साधना की चर्चा अब साधक का प्रश्न है की वह अपने पितृ को कैसे तृप्त करें अब आप स्वयं से अंदाज़ा लगा लीजिये इसके लिए आपको कितने परिश्रम की आवश्यकता है जिसमे आप सर्वप्रथम मुनि अगस्त की साधना करें उसके बाद गुरु ब्रहस्पति की साधना करें इनसे प्राप्त कृपा के साथ यौगिक क्रिया का अभ्यास करते हुए आप तृप्त करें अपने पितृ अथवा वैदिक नियम के अनुसार त्रिपिंडी श्राद्ध (https://t.me/rajyogipk/5454) करवा सकते हैं यह दो नियम हैं जिनका आप प्लान कर सकते हैं.

त्रिपिंडी श्राद्ध में आप जयपुर जाके सामने बैठ के पूजन आदि करेंगे अथवा अपने पूर्वज का नाम गोत्र एवं अन्य गुप्त जानकारी देंगे उसके आधार पर श्राद्ध की प्रक्रिया की जाएगी. दोनों में से जो उपाय आपको उचित लगे आप वो करें.
732 viewsDewanshu, 06:11
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2022-06-21 19:54:37
1 prasna bahot jaroori
Guru ji pranam main pareshani to vese dhan ki hi hai lekin mai har taraf se barbaad hoon agar karja lekar tantra dharan kar loon koi jo aap bataaye jaise mata kamla tantra to dhanvaan ban sakta hoon kyoki paiso ke bina kuch nahi hoga.

उत्तर -
जितने भी साधक यहाँ जुड़ें हैं उन्होंने यह स्वयं से देखा होगा की ९० प्रतिशत प्रश्न सिर्फ अपनी आर्थिक समस्या से मुक्ति हेतु हैं, जैसे का मैंने पूर्व प्रश्न के उत्तर में बताया साधक को अनगिनत उपाय, टोटके, दान, प्रयोग, साधना, कवच पाठ आदि आदि जो सभी निशुल्क हैं वह इए गये हैं लेकिन साधक का प्रश्न है यदि मैं किसी से उधार लेके तंत्र धारण करता हूँ तो क्या मैं अमीर बन जाऊंगा.

नही आप नही बनेंगे , समझिये क्यूँ तंत्र आपको व्यापार नौकरी आदि में वृद्धि दे सकता है घर बैठे पैसा की झाड़ने वाला पेड़ नही दे सकता है माता कमला तांत्रिक लक्ष्मी है उनकी कृपा से साधक अपने व्यापार में फूल फल सकता है अपनी नौकरी में उन्नति प्राप्त कर सकता है लेकिन आपको इससे अधिक धनवान बन्ने की इच्छा है उसकी पूरी मेरे द्वारा तो नही की जा सकती है.

किसी भी तंत्र साधना आदि की एक सीमा है आपको आर्थिक मानसिक आत्मिक शारीरिक आध्यात्मिक सहायता देने की उसी के अनुरूप वह सहायता देगा यदि तंत्र पहन के व्यक्ति धनवान हो जाये बिना परिषम एवं योग्यता के यह तो प्रकृति के नियम के विरुद्ध है एक व्यक्ति उसी क्षेत्र में मेहनत कर रहा है खून पसीना जला रहा है साधना कर रहा है उपाय कर रहा है भक्ति कर रहा है और दूसरी और अपने सिर्फ तंत्र पहन लिया और आप कुछ नही करेंगे तो माता का आशीर्वाद परिश्रमी व्यक्ति की ओर जायेगा अतः ऐसी कल्पना भी न करें अथवा स्वप्न में भी ना सोचें की तंत्र पहनने मात्र से आप धनवान हो जायेंगे. आशा करता हूँ आप अपने बहुत ज़रूरी प्रश्न के उत्तर को समझेंगे और सर्वप्रथम खुद को किसी भी कार्य में संलग्न करेंगे और उसके बाद माता की कृपया से उस कार्य में वृद्धि करेंगे
900 viewsDewanshu, 16:54
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2022-06-21 19:28:30 पूज्य देवांशु सर को कोटि कोटि नमन
मेरा एक प्रश्न था की पैड ग्रुप में आपने काठी हंतिनी जो तंत्र प्रयोग दिया है उसको हमने किया फिर शत्रु को पीड़ा हुई, पर अगर वो अपनी गलती मानकर माफी मांग ले और हमे उसको क्षमा करना हो तो ये संभव है? क्या इस प्रयोग से उसको जो कष्ट होगा उससे उसको मुक्त किया जा सकता है?


उत्तर -
यह प्रयोग जून माह २०२२ के पेड ग्रुप में उपलब्ध है -

से बहुत से साधक हैं जो स्वयं से कल्पनाएँ तो कर लेते हैं लेकिन किसी का अहित नही कर पाते हैं जैसे यदि कोई उनकी बेइज्जती कर दे तो उनके मन में आता है की मैं इस व्यक्ति को पीट दूँ यह नुक्सान कर दूँ लेकिन स्वयं से कमज़ोर होने के कारण वो ऐसा नही कर पाते हैं

अथवा

दुसरे व्यक्ति के रसूक के कारण नही कर पाते हैं. और ऐसे में मन मसोस के रह जाते हैं रोज़ रोज़ अंदर से जलते रहते हैं कल्पनाएँ करते हैं काश मेरे पास ऐसी शक्ति होती तो मैं इस व्यक्ति का सर्वनाश कर देता.

आज मैं आपकी वही इच्छा पूरी करने जा रहा हूँ जिससे इस प्रकार से मन मसोस के ना रहना पड़े अब या तो आप अपना गुस्सा निकाल सकते हैं या पैसा बचा सकते हैं अब ये आपकी इच्छा है

कई साधक ऐसे होंगे जो सोचेंगे जो हो गया सो हो गया अब मेरी किस्मत में जो लिखा है वो तो होगा ही और कई ऐसे होंगे जो अपनी इज्ज़त को सबसे ज्यादा मानते हैं और उनके लिए सबसे बड़ी इज्ज़त है रूपये पैसे उसके सामने मायने नही रखते हैं

ऐसा वक़्त सभी के जीवन में एक बार ज़रूर आया होगा जब ऐसा हुआ होगा - मैं आपको अपनी बात बताता हूँ ............... शेष पूर्ण जानकारी पेड ग्रुप में उपलब्ध है जिसे आप ६४० शुल्क जमा करके ज्वाइन कर सकते हैं उसमे अन्य लगभग २० साधनाएं और हैं वह भी देख सकते हैं.

अब मूल प्रश्न देखिये - जिस प्रकार से मुह से बोले शब्द, धनुष से निकला बाण और गोली वापस नही ली जा सकती है उसी प्रकार से प्रयोग वास नही लिया जा सकता है - बोए गये शब्द के लिए क्षमा मांग सकते हैं तीर के लिए इलाज़ करवा सकते हैं इसी प्रकार से यदि आप इतने दयालु हैं तो प्रयोग न करें और यदि करते हैं तो उसका परिणाम प्रसन्न मुख से देखें यदि कहीं रोदन आता है ऐसे में आप कुछ अन्य प्रयोग हैं जिन्हें करके प्रयोग को रोक तो नही सकते हैं लेकिन बस उस प्रयोग को धीमा कर सकते हैं जैस एकी वो अनेक वर्ष में हो न की तुरंत बस इतना सा ही संभव है इसमें न कोई इलाज़ है न ही कोई अन्य उपाय बस गति को कम किया जा सकता है कई बार गति हीन हो जाता है अर्थात साल भर में १ mm बराबर नुक्सान देगा लेकिन यह अस समझाने का तरीका है.
847 viewsDewanshu, 16:28
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2022-06-21 19:21:28 महो दय, राक्षसी विद्या क्या होती है? क्या इसकी दीक्षा मिलती है?

उत्तर -
राक्षस शब्द रक्ष से आया है जिसका आधार है सुरक्षा सर्वोप्रथम ऐसी विद्या जिनसे स्वयं की सुरक्षा उसके उपरान्त उन विद्या के अहंकार के आधीन दुरूपयोग यह विद्याएँ अत्यंत गोपनीय हैं इनकी शिक्षा दीक्षा देना सार्वजानिक रूप से निषेध है इसलिए आप के इस प्रश्न का उत्तर जितना संभव है उतना मैं ज़रूर दूंगा.

राक्षस यह वह विद्या है जो मनुष्य को अपनी सर्वोच्च स्थिति में जल्दी पंहुचा देती है इसका कार ण है इसमें प्रयोग होने वाले मंत्र एवं विधान इन्हें कभी भी दूषित नही किया गया है ये वैसे के वैसे ही उपलब्ध हैं और यही वह विद्या है जिसके माध्यम से साधक किसी राक्षस की सिद्धि करके इस विद्या के अन्य रहस्य को जनता है लेकिन उससे पहले गुरु शुक्राचार्य की साधना आवश्यक है उसके बाद ही ऐसी साधनाएं सिद्ध होती है जब तक उनक आशीर्वाद नही राक्षस साधना सिद्ध नही हो पायेगी.

यह वो दिव्या मंत्र है जिससे गुरु शुक्राचार्य की सिद्धि की जाती है - रूह हूम श्रीम शह नत पुरुश्चर्याय यथार्थे रम शुक्र नाभिक आचार्य शूल नमः ॐ वम वम वम फट ।

दीक्षा एवं अन्य नियम हेतु आपको प्रत्यक्ष आना आवश्यक है इसके लिए आप लखनऊ आश्रम आ सकते हैं.
811 viewsDewanshu, 16:21
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2022-06-21 19:13:29 १. नमस्ते देवाशूं जी,
३ घंटे लगातार बैठने का कोई तरीक़ा है क्योंकि पैर और कमर १ घंटे बाद दुखना चालू हो जाता है और कही ध्यान नहीं लगता.
धन्यवाद!

२. Guru ji pranaam Charan sparsh

Mera prashn hai ki jo 3 ghnte bethne ki aap kehte hain...kya bo debaal ka sahara lekr ya kisi vastu ka sahara lekr bethne se wohi fal nhi milega jo milna chahiye....

उत्तर -
यह दोनों प्रश्न आपस में मेल रखते हैं इसलिय इक साथ ही उत्तर दे दिया जा रहा है -

१ शब्द में उत्तर है अभ्यास - सिद्धासन का , आप बैठना क्या ३ घंटे एक आसन में कुछ नही कर सकते हैं लेट भी नही सकते हैं सभी के लिए अभ्यास की आवश्यकता है इसलिए आप को अभ्यास करना है थोडा थोडा करके समय बढ़ाना है यदि आप ३ घंटे बैठ गये तो आप किसी भी साधना को आसानी से कर डालेंगे.

अब आते हैं अभ्यास कैसे करें -

१. रक्तसंचार की क्रिया का अभ्यास करें सुबह और शाम
२. गरम तौलिया घुटने और कुल्हे पे पीछे रखें
३. शरीर में यंत्रणा हरण तेल लगायें घुटने और कुल्हे पे
४. butterfly का अभ्यास करें
५. एक ऊनी आसन लें और उसपे बैठे
६. यदि संभव है २ ऊनी आसन लें एक को मोड़ के कुल्हे के नीचे रखें और दुसरे पे बैठे
७. कम खाएं और थोडा दौड़ भाग करें
८. दंड बैठक करें

यह सब कुछ आसन उपाय है लम्बे समय तक बैठने के लिए ऐसे ही कुछ उपाय करके एक लड़का वह IAS की तयारी कर रहा था वह १२ घंटे स्थिर बैठने लगा था देखिये मुझे नाम याद नही है उन साधक को मेरा निवेदन है की यदि वह यह पोस्ट देख रहे हैं तो मुझे मेसेज करें अपनी पूरी दिन चर्या जिससे और लोगों को फायदा मिल सके.
836 viewsDewanshu, edited  16:13
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2022-06-21 19:07:36 प्रणाम भैया जी…..
प्रश्न यह हैं की मैं कुछ लोगों के पास पैसे माँग रहा हूँ
किसी को पैसे उधार दिए थे तो किसी को माल बना के दिया था लेकिन कोई पैसे वापस नही कर रहा हैं, जब भी कभी कॉल करता हूँ आज करवाता हूँ , कल करवाता हूँ , कुछ दिन रुक जा , कोई कोई तो उल्टा ही जवाब देते हैं !
अब मैं क्या करूँ……??
क्या मेरी इस समस्या का कोई समाधान निकल सकता हैं….?
मैं सब ओर से परेशान हो गया हूँ

उत्तर -
उधार देना अथवा उधार चुकाना (कर्ज) दोनों ही आज की समय में बहुत मुश्किल हैं आप देखेंगे यहाँ कितने साधक कर्ज मुक्ति हेतु उपाय पूछते हैं अब आप स्वयं से समझ सकते हैं की कितनी मुश्किल है आज के समय में लोगों को धन को लेके,

जिसने भी सभी प्रश्न पढ़े हैं वह यह देख सकते हैं सभी की समस्या एक ही है आर्थिक उन्नति बस प्रश्न पूछने का परीका अलग रहता है जिससे साधक उम्मीद करते हैं की शयद कुछ नया मिल जाये मुझे व्यक्तिगत लेकिन ऐसा होता नही है प्यास लगी है पीना पानी ही है अब जूस दूध कुछ भी पी लीजिये प्यास पानी से ही भुझेगी इसलिए सीधे पानी पीना ही उचित है.

उधार का पैसा वापस लेने के लिए आप राहू एवं शुक्र तंत्र धारण करे साथ ही यमक तंत्र धारण करें इन तीनो को धारण करने से काम बन्ने की सम्भवनायें हैं.

देखिये ज़रूरी नही है की सभी साधक को एक ही प्रश्न का उत्तर चाहिए होता है लेकिन १००० साधक में ३०० साधक का उत्तर हर एक प्रश्न से मिलता है यह मेरा अनुमान है इसलिए प्रश्नोत्तरी के एक एक प्रश्न के उत्तर को अच्छे से पढ़िए.
854 viewsDewanshu, 16:07
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2022-06-21 08:53:33 Sir esi konsi sadhna he jisse ham bhavishya jan sakte h... Or pesa kama skte h...?

उत्तर -
साधक का प्रश्न मुझे अच्छा लगा जिसमे उन्होंने अपनी मंशा साफ़ साफ़ दर्शाई की उन्हें लोगों का भविष्य चमत्कार के माध्यम से बताना है जिससे वह धन अर्जीत कर सकें. जिन साधकों की इच्छाएं साफ़ साफ़ दिखती हैं वह ही बेहतर कर सकते हैं साधना में लेकिन जब साधक लालच वश साधना करते हैं उसमे कहीं न कहीं सफलता की संभावनाएं कम होती जाती हैं. इसलिए जब भी आप साधना करें कल्पनाएँ न करें की साधना हो जाएगी उसके बाद मैं ये करूँगा या वो करूँगा.

भविष्य व्यक्ति के द्वारा लिए गये निर्णय पर आधारित होता है यदि आप कुंडली के अनुसार देखेंगे तो यह पाएंगे की कहीं न कहीं व्यक्ति और उसके अस पास जितने लोग होते हैं उनकी कुंडली आपस में मेल खाती है और इसी कारण से बहुत कम मनुष्य का भविष्य वह स्वयं से बदल पाता है. लेकिन इसे जानने की प्रमाणिक साधना जिनकी जानकारी मुझे है वह है १. पंचागुली साधना २. छाया पुरुष साधना
और इन दोनों ही साधना को करना इतना आसन नही है दोनों में काफी समय लगता है. इसलिए जब किसी साधक का बैठने का अभ्यास कम से कम ३ घंटे के आस पास हो तभी वह इन साधना में से किसी को करें क्यूंकि कई साधकों को लगता है बिठान कोई बड़ी बात नही है लेकिन अब साधना करनी होती है तब समझ में आ जाता है की बैठना भी कितना कठिन हो सकता है.

मेरा आप सभी से निवेदन है की जब तक ३० मिनट बैठने का अभ्यास न हो आप साधना न करें.
1.0K viewsDewanshu, 05:53
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2022-06-21 08:11:54 नमस्कार देवांशु जी
जैसा आपने आदेश दिया कि मां बगलामुखी का कवच ३१ बार करो तो कृत्या दोष दूर हो जाएगा।
में कवच ३१ बार तो नही कर पा रहा हूं किंतु शाम को पूजा करके पूर्व दिशा में मुंह करके १५ बार कवच पढ़ता हूं और बाद में एक बार सहस्रनाम का पाठ कर लेता हूं।
उसके बाद नहा कर ध्यान करता हूं।
जो समस्या पहले आपको बताई थी वह तो दूर हो चुकी है (उत्तेजना) के संदर्भ में।
किंतु आर्थिक और कोर्ट केस की समस्या अभी भी यथावत बनी हुई है।


कुछ दिनों से कोई शक्ति के होने का अहसास हो रहा है। दो दिन पहले सुबह नींद में कोई मेरे पलंग के नीचे से पलंग हिलाने लगी बाद में एक तरफ से पलंग ऊंचा कर दिया में पूरी तरह से डर गया। सपने में कमरा और पलंग वही था जहां में सोता हूं।
फिर मैने मां के मंत्र सपने में करने लगा।
फिर सब शांत हो गया और नींद खुल गई।
पर मैं पूरी तरह से डर गया।
ये कौनसी शक्ति है देवांशू जी जो ध्यान में भी आती है और नकारात्मक साधना को करने की सलाह देती है।
और में उनको प्रणाम करके माना कर देता हूं।
कृपया मार्ग दर्शन करें


उत्तर -
सर्वप्रथम जिस प्रकार से गुड़ के अनुसार की शरबत में मिठास आती है उसी प्रकार से जितनी संख्या में आपको जो पाठ करने के लिए बोला गया है जब आप उसे पूर्ण करेंगे तभी आपको लाभ मिलेगा अभी आपने जितना किया है उसके अनुसार आपको लाभ प्राप्त हुआ है जब आप निर्धारित संख्या तक करेंगे तो उसी अनुसार आपको अपनी समस्या से मुक्ति प्राप्त होने की संभावना है.

स्वप्न और सत्य में अंतर होता है कई बार स्वप्न सत्य से मिल कर सकता है लेकिन स्वप्न एक मानसिक क्रिया है जिसे सत्य मानना उचित नही है इसलिए आप सिर्फ निर्धारित संख्या में पाठ करें वही उचित है.

पिछले कुछ समय में मैंने कुछ चीज़े पायी हैं जो अमिन आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूँ मैं २०१६ से ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा दे रहा हूँ तंत्र साधना की और इतने वर्षों में जो मुझे व्यक्तिगत रूप से जानते हैं वह मेरे व्यवहार के विषय में जानते हैं मैं कभी किसी के विषय में अनुचित नही बोलता हूँ और यदि मुझे किसी चीज़ की जानकारी नही है तो सीधे मना कर देता हूँ की मुझे नही पता इसमें मुझे कोई शर्म नही आती है की मुझे नही पता क्यूंकि मैं एक सामान्य साधक हूँ कोई महा गुरु नही हूँ जिसे सब आता होगा या पा होगा.

पिछले कुछ समय में मैंने यह देखा है साधक अपनी समस्या के लिए बड़ी बड़ी शक्तियों को जिम्मेदार पाना चाहते हैं की यदि वो आज परेशान हैं इसका कारण अतृप्तता उनका स्वयं का आलास अथवा काम न करने की इच्छा का इससे कोई लेना देना नही है या यदि वो असफल हो रहे हैं उसके पीछे किसी ने कोई क्रिया की है तभी असफल हो रहे हैं. देखिये यह सत्य है की जीवन में कुछ भी बिना तंत्र के नही होता है इसके पीछे का कारण किसी दिन लाइव विडियो में बताऊंगा लेकिन हर चीज़ के लिए अदृश्य शक्ति को जिम्मेदार न ठहराएं क्यूंकि स्वयं के कर्म भी इसमें उतने ही सहायक है आपके उत्थान अथवा पतन में जितनी अदृश्य शक्तियां आपने सूना होगा भक्ति में तनी शक्ति है की व्यक्ति अपने पूर्ण भविष्य को बदल देता है अथवा जीवन बदल देता है मृत्यु पर विजय प्राप्त कर लेता है. इसलिए कम से कम परिश्रम तो अच्छे से करें यह मेरा व्यक्तिगत विचार है आशा करता हूँ साधक इस्पे गहन चिंतन करेंगे. और सभी साधकों को पुनः शिक्षा देने हेतु मेरे द्वारा पुनः लाइव शिक्षा दी जाएगी जिसके विषय में जानकारी जल्द ही दी जाएगी.
1.0K viewsDewanshu, 05:11
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