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Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

टेलीग्राम चैनल का लोगो rajyogipk — Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust S
टेलीग्राम चैनल का लोगो rajyogipk — Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
चैनल का पता: @rajyogipk
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
देश: भारत
ग्राहकों: 5.22K
चैनल से विवरण

This channel is parallel branch of Adbhut Rajsik Sadhnayen Youtube channel where we will provide you Gupt sadhna's & Dhyaan Gupt mantras..
Direct Message Shreem Dewanshu - @DOccult
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Dewanshu@CM4

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नवीनतम संदेश 47

2021-07-28 14:05:43 जीवन आनंद - साधक का सभी के लिए तोहफा

एक साधक द्वारा सभी साधकों हेतु एक तोहफा दिया गया है जिसमे साधक ने जीवन आनंद का सेवन किया और उन्हें अत्यधिक लाभ मिला है उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अनेक दवाएं ली लेकन इतना लाभ किसी ने नही मिला है। कुछ अन्य विशेष लाभ मिला है इन्हें जिसे बताने से अभी मना किया गया है साधक द्वारा अतः अब यह सूचना दी जाती है कि सड़कों का क्या तोहफा मिला है -

साधक द्वारा संस्था में 10 जीवन आनंद हेतु अनुदान दिया गया है जिसके द्वारा उन्होंने यह निर्णय लिया है कि 50 साधक को 300 रुपये कम शुल्क में जीवन आनंद प्राप्त होगा।

मूल रूप से 50 साधकों को जीवन आनंद हेतु कूरियर शुल्क नही देना होगा और यदि आप 1 से अधिकः लेते हैं तो आप को प्रत्येक जीवन आनंद पर 300 रुपये की कमी कर दी जाएगी।

इसलिए देर न करें जल्द से जल्द क्रय कर लें अन्यथा इस प्रकार से मौका कभी नही मिलेगा आपको संस्था में।

संस्था अपनी तरफ से कभी कोई छूट अथवा डिस्काउंट नही देती ही साधक ही इस प्रकार से अन्य साधकों की मदद करते हैं।

अन्य साधक भी इसीप्रकार से मदद कर सकते हैं।


https://t.me/rajyogipk/4645


स्मपर्क सूत्र - @sahajst
780 viewsDewanshu, edited  11:05
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2021-07-28 07:55:27 क्या आपको भी आती है साधना के वक़्त उबासी

अनेकों साधकों का यह प्रश्न रहता है की ध्यान , पूजा पाठ करते हुए इस तरह के व्यवधान क्यूँ उत्पन्न होते हैं ?

क्या कोई उनकी पूजा खंडित करना चाहता है ?

जानिए इसका सही उत्तर









अति ज़रूरी ।
953 viewsAkshay Sharma, edited  04:55
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2021-07-27 16:36:56 अगस्त 2021 माह विशेष पेड ग्रुप - वर्ग विशेष


जैसा कि सुबह बताया गया था इस बार ग्रुप में साधनायें 3 वर्ग में विभाजित की गयी हैं :

1) तामसिक साधना
2) राजसिक साधना
3) दैवीय साधना

साधनों का चुनाव इस प्रकार से किया गया है जिससे अलग अलग समस्याओं का अंत हो सके , यह बात हम भली भाँती समझते हैं की सभी साधकों की समस्याएं एक जैसी नहीं होती इसीलिए विभिन्न प्रकार की साधनायें प्रकाशित की जा रही हैं जिससे साधक अपने उद्देश्य अनुसार साधना का चुनाव कर सके |

तामसिक साधनाओं का पूर्ण विवरण सुबह दिया गया था ।

https://t.me/rajyogipk/5322


राजसिक साधनायें एवं उनका संक्षिप्त विवरण :

अष्ट यक्षिणी साधना
: शाबर मंत्र रचियता गुरु मत्स्येन्द्रनाथ द्वारा रचित एक ऐसी अद्भुत साधना जिससे आप एक ही साधना में , एक ही मंत्र के माध्यम से आठ यक्षिणियां सिद्ध करते हैं। इनको सिद्ध करने बाद भौतिक जीवन में किसी भी चीज़ की कोई भी कमी नहीं रह जाती है चाहे वह आर्थिक सुख हो , काम सुख हो या अन्य कुछ सम्मोहन शक्तियां आदि। यह यक्षिणियां हर प्रकार का सुख साधक को प्रदान करती हैं। इस अद्भुत साधना को जो साधक थोड़े नए हैं उन्हें अवश्य करना चाहिए।

मनोहारी योगिनी (हवन की आवश्यकता नहीं ) : एक ऐसी सुगम एवं सुन्दर साधना जो सभी सांसारिक इच्छाओं की पूर्ती करने की क्षमता रखती है। यह योगिनी मन के वेग से कार्य करती हैं और साधक की सभी इच्छाओं की पूर्ती करती हैं। यह पूर्व में एक राजनेता द्वारा सिद्ध की गयी थी (नाम गुप्त रखा हुआ है ) जो अपने क्षेत्र में चुनाव हारते हारते जीते थे। ध्यान भी अगर किया जाये तो एक समय के बाद दर्शन लाभ भी होते हैं अन्यथा मनोरथ पूर्ण होते ही हैं।

कामदेव साधना (स्त्रियों को काम सुख एवं पुरुषों को यौवन प्राप्ति) : इस अद्भुत साधना से स्त्रियां स्वयं साकार कामदेव के माध्यम से काम सुख प्राप्त करती हैं। जो स्त्रियां अविवाहित रहना पसंद करती हैं या किसी भी कारण से काम सुख प्राप्त नहीं कर पाती हैं उनके लिए यह साधना एक वरदान है। अगर पुरुष यह साधना करता है तो उसकी आंतरिक यौन शक्ति अत्यधिक बढ़ जाती है।

दैविय साधनायें एवं उनका संक्षिप्त विवरण :

देवी त्रिपुर सुंदरी (7 दिवसीय - न ही ब्रह्मचर्य न ही अन्य कोई नियम) : यह एक उत्तम साधना है अपने जीवन में धन, वैभव एवं ऐश्वर्य हेतु। इस साधना में ब्रह्मचर्य या अन्य किसी कठोर नियम की आवश्यकता नहीं होती है। देवी की कृपा से जीवन में रुके हुए धन के मार्ग खुलते हैं एवं सुख , वैभव का आगमन शुरू हो जाता है। जो भी साधक कोई सरल , दैवीय कृपा हेतु साधना करना चाहते हैं उन्हें यह साधना अवश्य करनी चाहिए।

भैरवी साधना - महाविद्या : माता भैरवी जो की एक महाविद्या का स्वरुप हैं , उनकी परीक्षित विधि प्रकाशित की जाएगी

इस विशेष पेड ग्रुप से जुड़ने हेतु आप नामांकन शुल्क जमा कराकर @sahajst पर मनीष जी को पेमेंट प्रूफ भेज सकते हैं | नामांकन शुल्क इस प्रकार है :

आज से 30 जुलाई - 501 रुपये
1 अगस्त से 5 अगस्त - 640 रुपये
6 अगस्त से 15 अगस्त - 730 रुपये
16 अगस्त से 25 अगस्त - 820 रुपये

आप निम्नलिखित किसी भी माध्यम का उपयोग कर शुल्क जमा करा सकते हैं | संस्था इन माध्यमों के अलावा किसी और माध्यम से शुल्क नहीं लेती है |

Paytm - 8377077139

UPI : sahajky@upi

Bank Account

Name - Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
Account number - 38017006730
State Bank Of India
IFSC - SBIN0016167
MICR - 226002088
Branch - Southcity, Lucknow

https://www.sahajkriyayog.org/campaigns/donation/
1.2K viewsAkshay Sharma, edited  13:36
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2021-07-27 07:00:06 अगस्त 2021 माह विशेष पेड ग्रुप - वर्ग विशेष

जुलाई माह की भाँती ही अगस्त माह में पुराने पेड ग्रुप्स की अत्यंत शक्तिशाली और सर्वाधिक सफल साधनायें प्रकाशित की जाएँगी , जिससे अधिक साधक उन साधनों में से साधनों का चुनाव कर साधना कर सकें | यह ऐसी साधनों का संग्रह है जिन्हें पिछले 1-3 वर्षों में मार्गदर्शन प्राप्त किये साधकों ने सिद्ध किया है |

व्यक्तिगत मार्गदर्शन चैनल की श्रंखला में आगे बढकर इन्हीं साधनाओं में से कुछ साधनाओं को चुनकर उनका व्यक्तिगत मार्गदर्शन चैनल बनाया जायेगा , जिसमें साधना कर रहे साधकों को विशेष मार्गदर्शन प्राप्त होगा | वह साधनाएं कौन सी होंगी , इसकी जानकारी बाद में प्रकाशित की जाएगी .

इस बार ग्रुप में साधनायें 3 वर्ग में विभाजित की गयी हैं :

1) तामसिक साधना
2) राजसिक साधना
3) दैवीय साधना

साधनों का चुनाव इस प्रकार से किया गया है जिससे अलग अलग समस्याओं का अंत हो सके , यह बात हम भली भाँती समझते हैं की सभी साधकों की समस्याएं एक जैसी नहीं होती इसीलिए विभिन्न प्रकार की साधनायें प्रकाशित की जा रही हैं जिससे साधक अपने उद्देश्य अनुसार साधना का चुनाव कर सके |

तामसिक साधनायें एवं उनका संक्षिप्त विवरण :

कर्णपिशाचिनी साधना
: किसी का भी भूत , वर्त्तमान एवं गुप्त जानकारी प्राप्त करने की सबसे तीव्र साधना। इसकी सबसे आसान विधि प्रकाशित की जाएगी जिसमे किसी मल मूत्र सेवन की आवश्यकता नहीं है , और घर में रहकर आसानी से कर पाएंगे। बिना किसी गलती के यह साधना करने पर पहली बार में ही शत प्रतिशत सिद्ध हो जाती है

वीराना भूत : यह एक मात्र ऐसा भूत है जो आपको आर्थिक सहायता के साथ साथ आपको तंत्र शक्ति एवं कुण्डलिनी जागरण का ज्ञान भी देता है। यह स्वयं जब जीवित थे तो एक उच्च कोटि के तांत्रिक थे इसलिए इनसे उन विद्याओं का ज्ञान भी मिल सकता है जो आज के समय में लुप्त हैं।

शम शाख्य भूत (अत्यंत दुष्कर्मी ) : यह एक अत्यंत शक्तिशाली भूत है जो हर प्रकार से अपने साधक को आर्थिक रूप से संपन्न रखता है ,धन के साथ साथ स्त्री सुख आदि हर प्रकार के भोग विलास में लिप्त रखता है। साथ ही साथ साधक को बलशाली बनाता है ताकि उसे किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो। इसकी विधि अत्यधिक सुन्दर है और यह एक अत्यंत शक्तिशाली तंत्र साधना है।

क्रोधा ब्रह्म पिशाच (शत्रु दमन - मारण सम्भव) : यह एक ऐसी दुराचारी आत्मा है जो अपने अंदर क्रोध लिए ब्रहामंड में विचरण कर रही है। अतः इसे ऐसे ही लोग सिद्ध करते हैं , जो किसी के प्रति अत्यधिक क्रोध रखते हैं और पूर्णतः उनका दमन चाहते हैं। यह साधना अत्यंत तीव्र तामसिक श्रेणी में आती है। अपने शत्रुओं के संहार हेतु व्यक्ति यह साधना कर सकता है परन्तु सोच समझ कर इसका प्रयोग करना चाहिए क्यूंकि इससे सामने वाले का विनाश निश्चित है।

इसी तरह प्रकाशित की होने वाली राजसिक और दैवीय साधनों के बारे में अगली पोस्ट में जानकारी दी जाएगी |

इस विशेष पेड ग्रुप से जुड़ने हेतु आप नामांकन शुल्क जमा कराकर @sahajst पर मनीष जी को पेमेंट प्रूफ भेज सकते हैं | नामांकन शुल्क इस प्रकार है :

आज से 30 जुलाई - 501 रुपये
1 अगस्त से 5 अगस्त - 640 रुपये
6 अगस्त से 15 अगस्त - 730 रुपये
16 अगस्त से 25 अगस्त - 820 रुपये

आप निम्नलिखित किसी भी माध्यम का उपयोग कर शुल्क जमा करा सकते हैं | संस्था इन माध्यमों के अलावा किसी और माध्यम से शुल्क नहीं लेती है |

Paytm - 8377077139

UPI : sahajky@upi

Bank Account

Name - Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
Account number - 38017006730
State Bank Of India
IFSC - SBIN0016167
MICR - 226002088
Branch - Southcity, Lucknow

https://www.sahajkriyayog.org/campaigns/donation/
1.2K viewsAkshay Sharma, 04:00
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2021-07-26 18:34:35 क्यों है ये कामवासना ? क्या यह आवयश्यक है ! क्यों नही आता नियंत्रण ! क्या पहनने से मिलती है शांति क्यों है यह काया अशांत ? Live आज रात्रि - 9 बजे विषय काम क्रीडा एवं सम्भोग जीवन एवं स्वयं भोग स्वः भोगयः समाधि सीखें इसकी शांति की क्रिया अभ्यास..............…
1.2K viewsAkshay Sharma, 15:34
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2021-07-26 16:15:41 क्यों है ये कामवासना ?
क्या यह आवयश्यक है !
क्यों नही आता नियंत्रण !
क्या पहनने से मिलती है शांति
क्यों है यह काया अशांत ?

Live आज रात्रि - 9 बजे

विषय

काम क्रीडा एवं सम्भोग
जीवन एवं स्वयं भोग
स्वः भोगयः समाधि

सीखें इसकी शांति की क्रिया अभ्यास..............

चैनल - अदभुत राजसिक साधनाएं

श्रीम
1.3K viewsDewanshu, 13:15
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2021-07-26 07:28:08 त्राटक का सत्य अर्थ :

त्राटक के बारे में विभिन्न प्रकार की भ्रांतियाँ फैलायी जाती हैं जिसके रहते इसका सत्य अर्थ विलुप्त हो गया है ।

अगर त्राटक का सही रूप से अभ्यास किया जाए तो व्यक्ति स्वयं में अत्यंत शक्तिशाली हो जाता है और अनेकों कार्य करने में समर्थ होता है किंतु अगर किसी प्रकार ki भूल चूक हुई तो मानसिक रूप से पागल भी हो सकता है ।

संस्था में अभी भी त्राटक पर शोध चल रही है ताकि इसकी एक सहज विधि जिसमें यह अपनी मूल सत्यतता से दूर ना होते मिले और साधक इसका अभ्यास कर सकें ।

क्या है त्राटक का सत्य स्वरूप ?

जानने के लिए क्लिक करें :





आपका अनुदान एक सहयोग


Paytm - 08377077139

Account -

Name - Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
Account number - 38017006730
State Bank Of India
IFSC - SBIN0016167
MICR - 226002088
Branch - Southcity, Lucknow

UPI - sahajky@upi

https://www.sahajkriyayog.org/campaigns/donation/
1.4K viewsAkshay Sharma, edited  04:28
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2021-07-26 05:18:14



शुभ सूचना -

संस्था द्वारा प्रत्येक सुबह लाईव रक्तसंचार का सेशन Sahastrar Sadhna Kendra YouTube चैनल के माध्यम से किया जा रहा है l आप सभी निशुल्क रूप से जुड़ के सीख सकते हैं ।

इसके माध्यम से आप शारीरिक एवं मानसिक कष्ट से मुक्ति प्राप्त करेंगे एवं क्रियायोग तथा साधना में एक लंबे समय तक बिना किसी शारीरिक व्यवधान के बैठ पाएंगे l

संस्था आप सभी का इस सेशन में प्रत्येक दिन स्वागत करती है l

आप दिए लिंक पर क्लिक पर जुड़ सकते हैं l
1.4K viewsMayank, 02:18
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2021-07-25 08:16:16 धन पिशाच एवं पिशाचीनी सम्बन्धी सूचना


इस साधना का व्यक्तिगत चैनल का संचालन आज मुहूर्त अनुसार शुरू हो चुका है ।

सर्वप्रथम मुहूर्त अनुसार मंत्र प्रदान किया गया है , आज का दिन इस साधना का मंत्र ग्रहण करने के लिए सर्वोत्तम है ।

अतः जो भी साधक यह साधना करना चाहते हैं और अभी तक नहीं जुड़े हैं , वह तुरंत इसमें जुड़ें ।

जुड़ने हेतु @sahajst पर मनीष जी से बात कर सकते हैं ।


साधना के बारे में अधिक जानकारी हेतु यहाँ क्लिक करें

https://t.me/rajyogipk/5274
1.5K viewsAkshay Sharma, 05:16
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2021-07-24 18:02:28 गुरु पूर्णिमा सन्देश -

श्री संत कबीर

गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने जिन गोविन्द दियो मिलाये।।

इस दोहे के माध्यम से श्री संत कबीर ने आध्यात्मिकता की चरम सीमा को दर्शाया है श्री संत कबीर द्वारा दिए गये दोहे इतने आकर्षक एवं विद्वान् तरह से लिखे गये हैं की उसके भौतिक अर्थ भी निकलते हैं जो सामान्य जीवन में भी साधक के जीवन में लाभ दें और एक अध्यात्म की कश्ती (क्रिया) पर सावर हेतु अध्यात्मिक अर्थ जिसे यही कश्ती इस माया रुपी सागर से परब्रह्म से मिलन कराएगी.

इस शरीर को ३ भाग में विभाजित किया गया है

१. कारण शरीर
२. सूक्ष्म शरीर
३. भौतिक शरीर

प्रत्येक शरीर की एक जीवात्मा अथवा चैतन्य शक्ति है उसी के कारण यह शरीर परिवर्तित होते हैं कारण से सूक्ष्म एवं सूक्ष्म से भौतिक में

कारण शरीर की जीवात्मा को हम प्राज्ञ कहते हैं और समस्त शरीर के प्रज्ञा को इश्वर कहते हैं जब यह शक्ति प्राज्ञ व् इश्वर का मिलन होता है इसे ही गोविन्द अथवा विष्णु कहते है.
सूक्ष्म शरीर की चैतन्य शक्ति अथवा जीवात्मा को तेज़स कहते हैं समस्त शरीर के तेज़स को हिरणगर्भ कहते हैं जब तेज़ व् हिरणगर्भ का मिलन होता है इसे ही ब्रह्मा कहते हैं.
भौतिक शरीर की चैतन्य शक्ति अथवा जीवात्मा विश्व कहते हैं समस्त शरीर के विश्व को विराट कहते हैं जब विश्व व् विराट का मिलन होता है इसे ही शिव कहते है. शिव से जो शक्ति प्रकट होती है उसे ही तेज़स कहते हैं जो सूक्ष्म शरीर की चैतन्य शक्ति है.इसी प्रकार से पर्वर्तिकरण होता है जिससे कारण से भौतिक और भौतिक से कारण शरीर में उर्जा का प्रवाह होता है. इसी प्रवाह के कारण शिशु वयस्क होता है जब यह प्रवाह विपरीत स्थती में चलता है तब व्यसक वृद्धावस्था को प्राप्त होता है.

गुरु विश्व की शक्ति को दर्शया गया है जिसके माध्यम से साधक प्राज्ञ की शक्ति से मिलन कर पाया है जिसे गोविन्द कहा गया है जब इन दोनों शक्तियों का मिलन हो रहा है उस वक़्त की स्थिति को दर्शया गया है की किस शक्ति को सर्वोपरि रखा जाये श्री संत कबीर ने बताया है की विश्व की शक्ति के बिना प्राज्ञ से मिलन संभव नही था जिससे उसका अवतरण हुआ है अर्थात स्वयं अथवा इस पूर्ण शरीर में जब तक मिलन नही होगा तब तक गोविन्द की प्राप्ति नही होगी. इस शरीर से मिलन का एक ही पथ है क्रियायोग ध्यान जिससे व्यक्ति अपने इस पूर्ण शरीर में एकाग्र होता है समस्त शरीर के अंग से इन ५ भौतिक तत्वों (२४ तत्त्व में से ५) से जिसमे फर्क करना उचित नही है इन ५ तत्वों को ही श्री गीता में पांडव की शक्ति से दर्शया गया है यदि आप किसी में भी मतभेद करते हैं तो गोविन्द की प्रप्ति संभव नही है. रूप रस गंध स्पर्श श्रवण के आधार पर मतभेद रखने से गोविन्द की प्राप्ति संभव नही है.

सन्देश -

मनुष्य जीवन ही मोक्ष की प्राप्ति हेतु सर्वोपरि है अतः इस जीवन का उपयोग मुक्ति अथवा मोक्ष की प्राप्ति हेतु करें, इस देह को कभी भी त्यागा जा सकता और कभी भी पाया जा सकता है इस पर अधिकार ही मनुष्य जीवन का सार है.

यह मनुष्य स्वरुप मेरा अंतिम जीवन है , इस ध्वनि से उत्पन्न यह प्रकृति मेरा ही सार है और यह ध्वनि मेरा ही रूप है इसका सम्मिलित स्वरुप ही श्रीम धूमावती है.

न मैं आपको मोक्ष दूंगा न ही मुक्ति , आप मेरे मार्गदर्शन सिर्फ उस मार्ग को जान सकेंगे जिससे इन दोनों की प्राप्ति होती है.


श्रीम
1.6K viewsDewanshu, 15:02
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