1उदारवादी लोकतंत्र के विचार और अस्तित्व पर आ रहे संकटों को आप | PSIR optional Hindi / English Medium
1उदारवादी लोकतंत्र के विचार और अस्तित्व पर आ रहे संकटों को आप कैसे देखते हैं? इस समस्या का समाधान आप किस दिशा में देखते हैं?
दुनिया के दो सबसे पुराने लोकतंत्र- ब्रिटेन और अमेरिका, दोनों गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। ब्रिटेन तो टूट ही रहा है। बोरिस जॉनसन ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर गंभीर हमला किया है, जिसे शायद सुप्रीम कोर्ट को आकर निरस्त करना पड़े। स्कॉटलैंड और वेल्स में जनमत संग्रह होने की संभावना है। कमोबेश ऐसे ही हालात अमेरिका के हैं। यहां हमने जनवरी में तख्तापलट की एक कोशिश देखी। कैपिटल हिल पर गुस्साई भीड़ का चढ़ आना एक गंभीर बात है। यह बात यूरोप तक भी जाती है। वहां ऐसी पारंपरिक पार्टियां, जिन्होंने लंबे समय तक सत्ता चलाई है, टूट रही हैं, गायब हो रही हैं। अगर हम इसके कारणों की पड़ताल करें, तो इसके स्रोत पुराने हैं। पिछले 40 सालों के नव-उदारवादी कार्यक्रम आज आम जनता के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने तेजी से धन के एकत्रीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। उन्होंने सभी को गंभीरता से नुकसान पहुंचाया है। इसने लोगों में गुस्सा, प्रतिशोध और संस्थानों की अवमानना को बढ़ाया है। यहां तक कि विज्ञान के भी विरोध को जन्म दिया है। इसने विश्वास को नुकसान पहुंचाया है। यह लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली में एक सामान्य गिरावट है। कोई सरकार नहीं, सब कुछ निजी हाथों में देने का चलन, आप सोचिए क्या होने वाला है? अभी अमेरिका में एक शोध हुआ, जिसमें सामने आया है कि 50 ट्रिलियन डॉलर कामगारों और मध्य वर्ग जेब से अमीरों के पास गए हैं। जहां-जहां नव उदारवाद आया है, वहां-वहां इसी तरह के घातक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।