2022-09-28 17:46:07
सुभाष चन्द्र बोस (नेताजी) प्रतियोगी परीक्षा की दृष्टि से अति-महत्वपूर्ण तथ्य
जन्म - 23 जनवरी, 1897 (कटक, उड़ीसा)
पिता का नाम
जानकीनाथ बोस, माता का नाम
प्रभावती
सुभाष चंद्र बोस, विवेकानंद की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे और उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे, जबकि चितरंजन दास उनके राजनीतिक गुरु थे।
उन्होंने वर्ष 1919 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। वह
1919 ई. में भारतीय नागरिक सेवा में उत्तीर्ण हुए।
सुभाष चंद्र ने 29 अप्रैल 1939 को कांग्रेस अध्यक्ष पदसे इस्तीफा दे दिया। 3 मई 1939 को उन्होंने
फॉरवर्ड ब्लॉक के गठन की घोषणा की।
वह जुलाई 1943 में जर्मनी से जापान-नियंत्रित सिंगापुर पहुँचे वहाँ से उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा ‘
दिल्ली चलो’ जारी किया और 21 अक्तूबर, 1943 को
आज़ाद हिंद सरकार तथा
भारतीय राष्ट्रीय सेना के गठन की घोषणा की।
सुभाष चंद्र बोस को वर्ष 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद
गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा शांतिनिकेतन में देश नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था। महात्मा गांधी ने उन्हें
देशभक्तों का देशभक्त कहा था।
जर्मन विदेश मंत्रालय की सहायता से सुभाष चन्द्र बोस ने 1941 में
“द फ्री इंडिया सेंटर” का गठन किया
सुभाष चन्द्र बोस की जयंती 23 जनवरी को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाई जाती है। वर्ष 1921 में सुभाष चन्द्र बोस ने चित्तरंजन दास की स्वराज पार्टी द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र
'फॉरवर्ड' के संपादन का कार्यभार संभाला।
1921 में सुभाष चंद्र बोस को अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष और साथ ही बंगाल राज्य कांग्रेस का सचिव चुना गया।
सुभाष चन्द्र बोस वर्ष
1938 में हरिपुरा में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वर्ष
1939 में त्रिपुरी में सुभाष चन्द्र बोस ने गांधी जी के उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैय्या के खिलाफ फिर से अध्यक्ष पद का चुनाव जीता।
सुभाष चन्द्र बोस को
देश नायक रबींद्रनाथ टैगोर ने कहा था।
18 अगस्त, 1945 को, कथित तौर पर, सुभाष चन्द्र बोस की ताइपे (ताइवान) में एक हवाई दुर्घटना में रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई।
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