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मध्यप्रदेश राज्य के स्थापना दिवस की प्रदेश की सभी जनता एवं विद | MPPSC 2023 PRE MAINS NOTES MPPSC PRE 2022 MPPSC MAINS 2021 MP PSC TEST SERIES CURRENT AFFAIRS MP CURRENT AFFAIRS MP GK QUIZ 🎯

मध्यप्रदेश राज्य के स्थापना दिवस की प्रदेश की सभी जनता एवं विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

1 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश के 66 वें स्थापना दिवस को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रूप में मनाया जाएगा।

◆मध्य प्रदेश के अस्तित्व की कहानी◆

26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू हुआ इसके बाद सन् 1951-1952 में देश में पहले आम चुनाव कराए गए। जिसके कारण संसद एवं विधान मण्डल कार्यशील हुए। प्रशासन की दृष्टि से इन्हें श्रेणियों में विभाजित किया गया। सन् 1956 में राज्यों के पुर्नगठन के फलस्वरूप 1 नवंबर, 1956 को नए राज्य के रूप में मध्य प्रदेश का निर्माण हुआ। इस प्रदेश का पुर्नगठन भाषीय आधार पर किया गया था। इसके घटक राज्य मध्य प्रदेश, मध्य भारत, विन्ध्य प्रदेश एवं भोपाल थे जिनकी अपनी विधानसभाएं थीं। इस राज्य का निर्माण तत्कालीन सीपी एंड बरार, मध्य भारत, विंध्यप्रदेश और भोपाल राज्य को मिलाकर हुआ। इसे पहले मध्य भारत के नाम से भी जाना जाता था।
■भोपाल को राजधानी के रूप में चुना गया-
1 नवंबर, 1956 को प्रदेश के गठन के साथ ही इसकी राजधानी औऱ विधानसभा का चयन भी कर लिया गया। भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के रूप में चुन लिया गया। राजधानी बनने के बाद 1972 में भोपाल को जिला घोषित कर दिया गया। मध्य प्रदेश के गठन के समय कुल जिलों की संख्या 43 थी। आज मध्य प्रदेश में कुल 52 जिले हैं।
◆राजधानी बनाए जाने के लिए इन शहरों में थी मुकाबले की टक्कर-राजधानी के लिए राज्य के कई बड़े शहरों में आपसी लड़ाई चल रही थी, सबसे पहला नाम ग्वालियर फिर इंदौर का गूँज रहा था इसके साथ ही राज्य पुनर्गठन आयोग ने राजधानी के लिए जबलपुर का नाम भी सुझाया था लेकिन भोपाल में भवन ज्यादा थे, जो सरकारी कामकाज के लिए उपयुक्त थे। इसी वजह से भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी के तौर पर चुना गया था। भोपाल के नवाब तो भारत से संबंध ही रखना नहीं चाहते थे, वह हैदराबाद के निजाम के साथ मिलकर भारत का विरोध करने लगे थे। देश के हृदय स्थल में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए भोपाल को ही मध्य प्रदेश की राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया।
■मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर भाषण -1 नव‍ंबर,1956 को मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर पं.रविशंकर शुक्ल का पहला भाषण लाल परेड ग्राउंड पर हुआ था।
■31 अक्टूबर रात 12 बजे राज्यपाल डॉ. पट्टाभि सीतारमैया को जस्टिस हिदायतउल्लाह
शपथ ग्रहण कारवाई।
■भोपाल को मध्य प्रदेश की राजधानी बनाये जाने की घोषणा के बाद नई दिल्ली से लौटे डॉ. शंकर दयाल शर्मा का भोपाल रेलवे स्टेशन पर शानदार स्वागत किया गया था।
विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और प्रदेश की स्थापना के समय से ही सभी ने अपनी-अपनी समझ और क्षमता के अनुरूप मध्य प्रदेश के विकास में योगदान किया है। मध्यप्रदेश भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के सबसे विकसित,सशक्त,सक्षम,समृद्ध और अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसके लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है । हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मध्य प्रदेश 01 नवंबर को स्थापना दिवस मना रहा है।
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