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नवीनतम संदेश 14
2022-11-18 14:49:01
परिंदों को मंज़िल मिलेगी यक़ीनन,
ये फैले हुए उनके पंख बोलते हैं,
वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर,
जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं।
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧
@Motivational_lifechanger
यदि आप खुद के मदद के लिए तैयार है
तो पूरी दुनिया आपके मदद लिए तैयार है..
731 views11:49
2022-11-18 13:46:16
502 views10:46
2022-11-12 17:31:02
समस्याएं इतनी ताक़तवर नहीं हो सकती जितना हम इन्हें मान लेते हैं, कभी सुना है कि “ अंधेरों ने सुबह ही ना होने दी हो ”
भलाई करते रहिए बहते पानी की तरह,
बुराई खुद ही किनारे लग जाएगी कचरे की तरह...
आप का दिन शुभ
जीवन सुखी और
समय अनुकूल हो।
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧
@Motivational_lifechanger
463 views14:31
2022-11-05 16:50:52
शायद अभी कुछ पढ़ना
बाकी है शायद अभी कुछ लिखना बाकी है ऐसे ही मैंने चलाई थी कलम पन्नों पर शायद इसका इतिहास बनना बाकी है।
आपका समय कहां जा रहा है, इसपर ध्यान देना शुरू करें, क्योंकि सफ़लता पाने के लिए समय अति महत्वपूर्ण है.!
तुम रखो यकीन अपने इरादे पर
तेरी हार तेरे हौंसले से बड़ी नहीं है।
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧
@Motivational_lifechanger
715 views13:50
2022-11-05 13:17:18
636 views10:17
2022-11-04 18:25:55
एकादशी क्यों मनाते हैं जाने पूरी जानकारी।भगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं. पुनः कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं. इन चार महीनों में देव शयन के कारण समस्त मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं और जब भगवान विष्णु जागते हैं, तभी कोई मांगलिक कार्य संपन्न हो पाता है. देव जागरण या उत्थान होने के कारण इसको देवोत्थान एकादशी कहते हैं.
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसे देव उठनी एकादशी या प्रबोधनी एकादशी भी कहा जाता है. भगवान विष्णु आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से निद्रा में चले जाते हैं और 4 महीने बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन उठते हैं, इसलिए इसे देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है.
भगवान विष्णु जब निद्रा में चले जाते हैं तो चार महीने तक सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. इसके बाद देवउठनी एकादशी के दिन से सभी मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं. देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के उठने से बाद शुभ और मांगलिक कार्य शुरू होते हैं. इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है. इस साल देव उठनी एकादशी 4 नवंबर 2022, शुक्रवार के दिन है. जबकि इसका पारण 5 नवंबर 2022 को किया जाएगा. इस दिन तुलसी विवाह का भी आयोजन किया जाता है.
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧
@Motivational_lifechanger
460 viewsedited 15:25
2022-11-04 18:25:54
442 views15:25
2022-11-04 17:19:01
"अभाव और गरीबी"
बड़ी सफलता के जननी है
धन्य है वह जिन्होंने
इन दोनों को पाया है।
India’s hardest exam is to build India’s stronger citizen.
"पसीने की स्याही से जो
लिखते हैं अपने इरादों को
उनके मुकद्दर के पन्ने
कभी कोरे नहीं हुआ करते"
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧
@Motivational_lifechanger
609 views14:19
2022-11-04 16:18:01
458 views13:18
2022-11-03 14:10:09
कोई "नामुमकिन" सी बात को मुमकिन कर के दिखा।खुद पहचान लेगी दुनिया भीड़ में भी तू अलग चलकर दिखा।
Before you speak, THINK.
T- Is it true?
H - Is it helpful?
I - Is it inspiring?
N - Is it necessary?
K - Is it kind?
╭─❀⊰ 𝐉𝐨𝐢𝐧
@Motivational_lifechanger
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