विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं। नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥ दिल से जो भी मांगोगे मिलेगा ये गणेश जी का दरबार है देवों के देव वक्रतुंड महाकाय को अपने हर भक्त से प्यार है। गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं ! @Motivational_GreatThoughts 93 views03:40