2021-07-08 06:24:15
कर ले जीवन से प्यार
बुराई होती है इंसान में, किन्तु बुरा नहीं इंसान
श्रेष्ठ बनने का अवसर, हमें देता स्वयं भगवान
मानव जन्म का महत्व, समझ में जब आएगा
जीवन का दुरूपयोग, कभी ना कर तूँ पाएगा
सर्व सुखों से जीवन तेरा, परमात्मा ने सजाया
तेरी दृष्टि को केवल, दुख ही दुख नजर आया
पुष्प खिले हैं खुशियों के, जहाँ नजर घुमाएगा
तेरे ही दृष्टिदोष के कारण, देख नहीं तूँ पाएगा
अपने अनमोल जीवन का, मत कर तिरस्कार
तेरे ही कर्मों का फल है, दिल से कर स्वीकार
अपने जीवन में रहकर ही, सबकुछ तूँ पाएगा
किन्तु सबकुछ देकर, जीवन कभी ना पाएगा
मोल समझकर इसका, कर ले जीवन से प्यार
फूलों सा महका इसको, छोड़कर पांच विकार
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