•?((¯°·..• कलम-ए-इश्क •..·°¯))؟• मैं ज़हर का घूंट हूँ मुझे जाम न समझना। बर्बादी का हर मंजर देखा है ,मुझे आम न समझना! #Abhiwrites 𝒦𝒶𝓁𝒶𝓂-𝒜𝑒-𝐼𝓈𝒽𝓀 446 views(っ◔◡◔っ) अभिमंद , edited 16:46