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संविधान के बारे में- अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्रता देने पर ग | Indian constitution..

संविधान के बारे में-
अंग्रेजों ने भारत को स्वतंत्रता देने पर गंभीरता से विचार करना शुरू कर दिया था। अंग्रेजों ने भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए व संविधान सभा स्थापित करने की संभावना पर चर्चा करने के लिए, ब्रिटिश सरकार और विभिन्न भारतीय राज्यों के प्रतिनिधियों से एक साथ मिलने  योजना के कारण, भारत में एक कैबिनेट मिशन भेजा गया था। यहाँ पर भारत के संविधान के बारे में कुछ कम ज्ञात तथ्य दिए गए हैं।

1946: संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन योजना के तहत किया गया था। डॉ राजेंद्र प्रसाद इसके स्थायी अध्यक्ष और डॉ. बी. आर. अम्बेडकर को प्रारूप समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। प्रारूप रिपोर्ट तैयार करने के लिए 13 समितियों की स्थापना की गई थी, जिनका गठन संविधान पूरा होने के बाद किया गया था।

संविधान सभा में 389 सदस्य थे, जिसमें प्रारंभिक विश्लेषित विवरण में – प्रांत के 292 प्रतिनिधि, देशी रियासतों के 93 प्रतिनिधि, मुख्य आयुक्त क्षेत्रों के 3 प्रतिनिधि तथा बलूचिस्तान का 1 प्रतिनिधि शामिल था। बाद में मुस्लिम लीग की संख्या कम होने के कारण 299 प्रतिनिधि रह गए थे।

जनवरी 1948: भारतीय संविधान का पहला प्रारूप विचार-विमर्श के लिए प्रस्तुत किया गया था।

4 नवंबर 1948: 32 दिनों तक विचार-विमर्श जारी रहा था। इस अवधि के दौरान, 7635 संशोधन प्रस्तावित किए गए थे और उनमें से 2473 पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई थी। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे थे।

24 जनवरी 1950: संविधान सभा के 284 सदस्यों द्वारा भारत के संविधान पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिनमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं।
26 जनवरी 1950: इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।

भारत के मूल संविधान को हिंदी और अंग्रेजी में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा लिखा गया था। संविधान के प्रत्येक पृष्ठ को जटिल लेख और इटैलिक धारा प्रवाह में लिखा गया था। पश्चिम बंगाल के शांतिनिकेतन के कलाकारों ने प्रत्येक पृष्ठ के प्रस्तुतीकरण पर भी कार्य किया था। इसकी अंग्रेजी और हिंदी की मूल प्रतियाँ भारतीय संसद पुस्तकालय में, हीलियम से डिजाइन किए गए विशेष पात्र में संरक्षित हैं।

भारत का संविधान दुनिया का सबसे दीर्घ और सबसे विस्तृत संविधान है और इसमें 25 भाग, 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं तथा मूल संविधान में 395 अनुच्छेद और 9 अनुसूचियाँ सम्मिलित हैं।

भारत के संविधान को संस्कृति, धर्म और भूगोलिक की दृष्टिकोण से सबसे अच्छा लिखित संविधान माना जाता है।