इंसान अगर होशियार है यह तो बहुत अच्छी बात लेकिन केवल मैं ही होशियार हूँ यह सबसे बड़ी मूर्खता की पहचान है. महाभारत में श्री कृष्ण से ज्यादा सकुनी खुद को होशियार समझते थे और यहीं होशियारी कौरवों को लें डूब बैठे. छल कपट से कमाई पूंजी जिंदगी भर अडचन बनकर परेशान करती रहेंगी. इसलिए धर्म के साथ अच्छी कर्म बहुत जरुरी है. ( जय श्री कृष्ण ) 2.0K views16:48