“हमारे यौवन के असंयमों की वसूली हमारी वृद्धावस्था में होती है, सूत समेत, कुछ तीस बरस बाद।”चार्ल्स केलेब कोल्टन, लेखक और पादरी (1780-1832) @hindiquotesdaily 53 views01:30