2022-08-10 18:46:34
सरकार ने 20 जुलाई 2022 को फिर इस कानून में संशोधन किया। सरकार ने इस बार तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दे दी। अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।
- एक नियम यह है कि झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए।
- झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।
- अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
- झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।
तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
- किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए।
- किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते।
- साल 2002 से पहले राष्ट्रीय ध्वज को आम लोग सिर्फ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ही फहरा सकते थे लेकिन साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड में परिवर्तन किया गया जिसके तहत कोई भी नागरिक किसी भी दिन झंडे को फहरा सकता है।
- झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए।
तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है, सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है, जबकि हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है। अशोक चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है। तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था।
937 viewsपवन ज्याणी【36】, 15:46