बेइंतिहाँ मुहब्बत... मेरी शायरी का कोई, शायरी से जबाब दे, बै | Hindi suvichar and motivation
बेइंतिहाँ मुहब्बत...
मेरी शायरी का कोई, शायरी से जबाब दे,
बैठा हूँ इंतज़ार मे मुझे भी कोई गुलाब दे,
इन आँखों ने कितने हसीं सपने सजाएं हैं,
बेइंतिहाँ मुहब्बत करे आँखों को ख़्वाब दे..