रिश्ते एक क़िताब की तरह होते हैं और ग़लती एक पन्ने की तरह कभी | Forsage 2.O
रिश्ते एक क़िताब की तरह होते हैं और ग़लती एक पन्ने की तरह कभी ग़लती हो जाए तो एक पन्ना फाड़ देना मगर उस पन्ने के चक्कर में पूरी क़िताब मत खो देना :) Thank you so much everyone