आशा है आपको यह #रचना पसंद आएगी कई जहांसोज़ यहीं ज़मीन-दोज़ ह | हिंदी मंच - सकारात्मक भाव
आशा है आपको यह #रचना पसंद आएगी
कई जहांसोज़ यहीं ज़मीन-दोज़ हो गएं जिन्हें भी था बुतपरस्ती पर ए'तिराज़ वो सब के सब बुतों में ढल गएं तुम पहले नहीं हो तुमसे पहले भी था कितनों को यहां गद्दी का गुमां कुछ अपनी ही कुछ अपनों के हथियारों की भेंट चढ़ गएं।