Get Mystery Box with random crypto!

मेरी रचना का विषय है- माँ तुम बदल गये मग़र वो ना बदल सकी क्योंक | हिंदी मंच - सकारात्मक भाव

मेरी रचना का विषय है- माँ
तुम बदल गये मग़र वो ना बदल सकी क्योंकि,
वो है एक माँ,तुम ठहर गये मग़र वो ना ठहर सकी
क्योंकि वो है एक माँ!!
बार-बार उसका फोन आने पर एक ही बात,
बार-बार समझने पर तुम झुंझला उठे मग़र,
वो ना झुंझला पाई क्योंकि वो है एक माँ
तीस के पार हो गये हो तुम मग़र माँ तुम्हारी तीन साल के छोटे बच्चे हो जैसे वैसे ही चिन्ता अभी भी करती है!!
तुम बदल गये मग़र वो ना बदल सकी क्योंकि,
वो है एक माँ,
तुमने उसको कई बार अपशब्द कहे,मग़र उसकी डाँट में तो हमेशा ही प्यार छुपा होता है,
कितने भी ऊँचे पद में हो वो, मग़र तुम्हारे लिये
हमेशा बस माँ ही बनी वो, कितनी भी ऊँची कुर्सी में बैठी हो मग़र तुम्हारे लिये सौ बार जमी पे बैठी है!!
तुम बदल गये मग़र वो ना बदल सकी क्योंकि,
वो है एक माँ,
इस बदलती दुनिया मे कितने ऐसे बच्चे है जो बदल गये है, माँ वही है मग़र औलाद बदल गई है,
दुनिया का सब से खूबसूरत शब्द होता है माँ,
मग़र आज अफ़सोस है इस माँ शब्द की गाली तक बना दी गई है और बात बात पे लोगो की जुबा पे चढ़ रही है!!
तुम बदल गये मग़र वो ना बदल सकी क्योंकि,
वो है एक माँ,
हो सके तो थोड़ा सा तो सुधार जाओ माँ शब्द
में बहुत ख़ूबसूरती इसे गालियों में तो मत तब्दील करो,उनसे पूछो जिनकी माँ नहीं वो ये शब्द बोलने को भी तरसते है,मैं भी सालों से तरस रही हूँ,
तुम्हे मिली है तो उसकी क़ीमत समझना,
सर आँखों पे उसे भले मत रखो मग़र गाली में भी उसे मत रखना!!
तुम बदल गये मग़र वो ना बदल सकी…........
श्रद्धा श्रीवास्तव

─❀⊰╯ join @hindi_manch @anand_bhav
╨──────────────────━❥