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हिंदी व्याकरण से जुड़ी अध्ययन सामग्री / महत्त्वपूर्ण जानकारी और बहुविकल्पी प्रश्नों के लिए।
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2023-04-14 07:54:26 हिन्दी व्याकरण प्रश्नोतर 02

(11) टवर्ग का उच्चारण स्थान है ?

(A) दन्त
(B) कण्ठ
(C) ओष्ठ
(D) मूर्धा
Answer-(D)

(12) चवर्ग का उच्चारण स्थान है ?

(A) तालु
(B) ओष्ठ
(C) कण्ठ
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer-(A)

(13) प, फ, ब, भ, म का उच्चारण स्थान है ?

(A) तालु
(B) ओष्ठ
(C) कण्ठ
(D)दन्त
Answer-(B)

(14) अन्तः स्थ व्यंजन कितने प्रकार के होते है ?

(A) सात
(B) आठ
(C) चार
(D)पाँच
Answer-(C)

(15) इनमें से कौन सा शब्द संज्ञा से बना हुआ विशेषण है?

(A)कुलीन
(B)नमक
(C) कृपा
(D)जाति
Answer- (A)

(16) इनमें से कौन सा शब्द संज्ञा से बना हुआ विशेषण हैं?

(A) जापान
(B) गुणी
(C)दान
(D) जाति
Answer- B

(17) इनमें से कौन सा शब्द संज्ञा से बना हुआ विशेषण नहीं है?

(A) नमकीन
(B) दयालु
(C) धनवान
(D)फुर्ती
Answer- (D)

(18) इनमें से कौन सा शब्द संज्ञा से बना हुआ विशेषण नहीं है?

(A)अपमानित
(B) नियमित
(C)वार्षिक
(D)अपमान
Answer- (D)

(19) इनमें से कौन सा शब्द संज्ञा से बना हुआ विशेषण है?

(A)इच्छुक
(B) प्यास
(C)पशु
(D)सन्तोष
Answer- (A)

(20) इनमें से कौन सा शब्द सर्वनाम से बना हुआ विशेषण है?

(A)मैं
(B)वह
(C)कोई
(D)तेरा
Answer- (D)
401 views04:54
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2023-04-14 07:54:26 हिन्दी व्याकरण प्रश्नोत्तर भाग 01


(1) भाषा के लिखित रूप में बात बताते हैं।

(A) बोलकर
(B) लिखकर
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer-(B)

(2) भारत की राष्ट्रभाषा है।

(A)उर्दू
(B) हिंदी
(C) अँग्रेजी
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer-(B)

(3) व्याकरण भाषा के बताता है।

(A) नियम
(B) काम
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer-(A)

(4) पुष्प कौन-सा शब्द है ?

(A) तत्सम
(B) तद्भव
(C) देशज
(D) विदेशज
Answer-(A)

(5) उ, ऊ के उच्चारण स्थान है ?

(A) दन्त
(B) कण्ठ
(C) ओष्ठ
(D) तालु
Answer-(C)

(6) ए, ऐ, ओ, औ कौन सा स्वर है ?

(A) हस्व स्वर
(B) दीर्घ स्वर
(C) संयुक्त स्वर
(D) इनमें से कोई नहीं
Answer-(C)

(7) मात्राएँ कितने प्रकार के होते है ?

(A) दो
(B) तीन
(C) पाँच
(D)सात
Answer-(A)

(8) हिन्दी में मूल व्यंजन वर्णो की संख्या कितनी है ?

(A) 22
(B) 10
(C) 33
(D)30
Answer- (C)

(9) कवर्ग का उच्चारण-स्थान है ?

(A) मूर्धा
(B) दन्त
(C) ओष्ठ
(D) कण्ठ
Answer-(D)

(10) पवर्ग का उच्चारण स्थान है ?

(A) दन्त
(B) कण्ठ
(C) ओष्ठ
(D) मूर्धा
Answer-(C)
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2023-04-14 07:54:26 प्रमुख आत्मकथाएं

1. अर्द्ध कथानक- बनारसी दास जैन

2. कुछ आप बीती कुछ जग बीती- भारतेंदु हरिश्चंद्र

3. तरुण के स्वप्न- सुभाष चन्द्र बोस

4. मुझमें देव जीवन का विकास- सत्यानंद अग्निहोत्री

5. मेरी जीवन यात्रा- राहुल सांकृत्यायन

6. निज वृतांत - अंबिकादत्त व्यास

7. कल्याण पथ का पथिक- स्वामी श्रद्धानंद

8. सिंहावलोकन- यशपाल

9. परि व्राजक की कथा- शांति प्रिय द्विवेदी

10. मेरी आत्म कहानी- चतुर सेन शास्त्री

11. अपनी खबर- उग्र

12. मेरी असफलताएं - बाबू गुलाब राय

13. में क्रांति कारी कैसे बना- रामविलास शुक्ल

14. आप बीती- भाई परमानंद

15.- मेरी कहानी- जवाहर लाल नेहरू

16. स्वतन्त्रता की खोज- सत्य देव परि व्राजक

17. चांद सूरज के बिरन- देवेन्द्र सत्यार्थी

18. सत्य के प्रयोग- महात्मा गांधी

19. राख की लपटे- पुरुषोत्तमदास टंडन

20. साठ वर्ष एक रेंखाकन- पंत

21. नीड़ का निर्माण, बसेरे से दूर, दस द्वार से सोपान तक, क्या भूलूं क्या याद करूं- हरिवंश राय बच्चन
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2023-04-14 07:54:25 1. किस शब्द में उपसर्ग का प्रयोग हुआ है ?

• उपकार
• पढ़ाई
• अपनापन
• लाभदायक
उत्तर. उपकार

2. निम्नलिखित में से कौन-सा अर्द्ध विराम चिह्न है ?

• (.)
• (,)
• (।)
• (;)
उत्तर. (;)

3. निम्नलिखित में से विराम चिह्न नहीं है

• अलप विराम
• अवतरण
• निर्देशक चिह्न
• पूर्ण विराम
उत्तर. अवतरण

4. वाक्य के घटक होते है ?

• उद्देश्य और विधेय
• कर्त्ता और क्रिया
• कर्म और क्रिया
• कर्म और विशेषण
उत्तर. उद्देश्य और विधेय

5. किस शब्द में ‘आवा’ प्रत्यय नहीं है ?

• दिखावा
• भुलावा
• लावा
• चढ़ावा
उत्तर. लावा

6. हिन्दी किस भाषा-परिवार की भाषा है ?

• द्रविड़
• चीनी-तिब्बती
• भारोपीय
• आस्ट्रिक
उत्तर. भारोपीय

7. शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए ?

• क्रर्पा
• कृपा
• क्रिपा
• क्रप
उत्तर. कृपा

8. निम्नलिखित में से किस शब्द में प्रत्यय लगा हुआ है ?

• सागर
• जादूगर
• नगर
• इनमें से कोई नहीं
उत्तर. जादूगर

9. ‘क’ वर्ण किसके योग से बना है ?

• ज्‌ + ञ
• क्‌ + ष
• क् ‌+ र
• क् ‌+ अ
उत्तर. क् ‌+ अ

10. हिन्दी भाषा का जन्म हुआ है ?

• लौकिक संस्कृत से
• वैदिक संस्कृत से
• पालि-प्राकृत से
• अपभ्रंश से
उत्तर. अपभ्रंश से
328 views04:54
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2023-04-13 06:09:04 °◆(3) जब त् का मिलन  ग, घ, द, ध, ब, भ, य, र, व से या  किसी स्वर से हो  तो द् बन जाता है। म के साथ क से म तक के किसी भी वर्ण के मिलन  पर ‘ म ‘ की जगह पर मिलन वाले वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण बन जायेगा।

उदहारण :- म् + क ख ग घ ङ के उदहारण :-

सम् + कल्प = संकल्प

      सम् + ख्या = संख्या

सम् + गम = संगम

शंकर = शम् + कर

म् + च, छ, ज, झ, ञ के उदहारण :-

  सम् + चय = संचय

  किम् + चित् = किंचित

सम् + जीवन = संजीवन

म् + ट, ठ, ड, ढ, ण के उदहारण :-

        दम् + ड = दण्ड/दंड

खम् + ड = खण्ड/खंड

म् + त, थ, द, ध, न के उदहारण :-

सम् + तोष = सन्तोष/संतोष

किम् + नर = किन्नर

सम् + देह = सन्देह

म् + प, फ, ब, भ, म के उदहारण :-

   सम् + पूर्ण = सम्पूर्ण/संपूर्ण

        सम् + भव = सम्भव/संभव

त् + ग , घ , ध , द , ब  , भ ,य , र , व्  के उदहारण :-

  सत् + भावना = सद्भावना

       जगत् + ईश =जगदीश

  भगवत् + भक्ति = भगवद्भक्ति

  तत् + रूप = तद्रूपत

  सत् + धर्म = सद्धर्म


◆(4) त् से परे च् या छ् होने पर च, ज् या झ् होने पर ज्, ट् या ठ् होने पर ट्, ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है। म् के साथ य, र, ल, व, श, ष, स, ह में से किसी भी वर्ण का मिलन होने पर ‘म्’ की जगह पर अनुस्वार ही लगता है।

उदहारण :- म + य , र , ल , व् , श , ष , स , ह के उदहारण :-

     सम् + रचना = संरचना

     सम् + लग्न = संलग्न

     सम् + वत् = संवत्

          सम् + शय = संशय

त् + च , ज , झ , ट ,  ड , ल के उदहारण :-

      उत् + चारण = उच्चारण

      सत् + जन = सज्जन

      उत् + झटिका = उज्झटिका

      तत् + टीका =तट्टीका

      उत् + डयन = उड्डयन

    उत् +लास = उल्लास
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2023-04-13 06:09:04 आज का विषय - संधि 04

व्यंजन संधि।

व्यंजन संधि :- जब व्यंजन को व्यंजन या स्वर के साथ मिलाने से जो परिवर्तन होता है , उसे व्यंजन संधि कहते हैं।

उदहारण :-

  दिक् + अम्बर  = दिगम्बर

   अभि + सेक = अभिषेक

व्यंजन संधि के नियम :-

◆(1) जब किसी वर्ग के पहले वर्ण क्, च्, ट्, त्, प् का मिलन किसी वर्ग के तीसरे या चौथे वर्ण से या य्, र्, ल्, व्, ह से या किसी स्वर से हो जाये तो  क् को ग्  , च् को ज् , ट् को ड् , त् को  द् , और प् को ब् में बदल दिया जाता है अगर स्वर मिलता है तो जो स्वर की मात्रा होगी वो हलन्त वर्ण में लग जाएगी लेकिन अगर व्यंजन का मिलन होता है तो वे हलन्त ही रहेंगे।

उदहारण :- क् के  ग् में बदलने के उदहारण –

 दिक् + अम्बर = दिगम्बर

 दिक् + गज = दिग्गज

 वाक् +ईश = वागीश

च् के ज् में बदलने के उदहारण :-

   अच् +अन्त = अजन्त

अच् + आदि =अजादी

ट् के ड् में बदलन के उदहारण :-

     षट् + आनन = षडानन

     षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र

     षड्दर्शन = षट् + दर्शन

     षड्विकार = षट् + विकार

               षडंग = षट् + अंग

त् के  द् में बदलने के उदहारण :-

    तत् + उपरान्त = तदुपरान्त

    सदाशय = सत् + आशय

    तदनन्तर = तत् + अनन्तर

    उद्घाटन = उत् + घाटन

    जगदम्बा = जगत् + अम्बा

प् के ब् में बदलने के उदहारण :-

    अप् + द = अब्द

      अब्ज = अप् + ज

◆(2) यदि किसी वर्ग के पहले वर्ण (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म वर्ण ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् को ङ्, च् को ज्, ट् को  ण्, त् को न्, तथा प् को म् में बदल दिया जाता है।

उदहारण :- क् के ङ् में बदलने के उदहारण :-

 वाक् + मय = वाङ्मय

दिङ्मण्डल = दिक् + मण्डल

प्राङ्मुख = प्राक् + मुख

ट् के  ण् में बदलने के उदहारण :-

    षट् + मास = षण्मास

    षट् + मूर्ति = षण्मूर्ति

   षण्मुख = षट् + मुख

त् के  न् में बदलने के उदहारण :-

   उत् + नति = उन्नति

   जगत् + नाथ = जगन्नाथ

  उत् + मूलन = उन्मूलन

प् के म् में बदलने के उदहारण :-

   अप् + मय = अम्मय


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2023-04-13 06:09:04 3. वृद्धि संधि :- जब ( अ , आ ) के साथ ( ए , ऐ ) हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब ( अ , आ ) के साथ ( ओ , औ )हो तो ‘ औ ‘ बनता है। उसे वृद्धि संधि कहते हैं।

उदहारण :-

मत+एकता = मतैकता

एक +एक =एकैक

धन + एषणा = धनैषणा

सदा + एव = सदैव

महा + ओज = महौज

4. यण संधि :- जब ( इ , ई ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है , जब ( उ , ऊ ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब ( ऋ ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ र ‘ बन जाता है। ◆यण संधि के तीन प्रकार के संधि युक्त्त पद होते हैं।
(1) य से पूर्व आधा व्यंजन होना चाहिए। (2) व् से पूर्व आधा व्यंजन होना चाहिए। (3) शब्द में त्र होना चाहिए।

◆यण स्वर संधि में एक शर्त भी दी गयी है कि य और त्र में स्वर होना चाहिए और उसी से बने हुए शुद्ध व् सार्थक स्वर को + के बाद लिखें। उसे यण संधि कहते हैं।

उदहारण :-

 इति + आदि = इत्यादि

  परि + आवरण = पर्यावरण

  अनु + अय  = अन्वय

  सु + आगत = स्वागत

  अभि + आगत = अभ्यागत

5. अयादि संधि :- जब ( ए , ऐ , ओ , औ ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ ए – अय ‘ में , ‘ ऐ – आय ‘ में , ‘ ओ – अव ‘ में, ‘ औ – आव ‘ ण जाता है। य , व् से पहले व्यंजन पर अ , आ की मात्रा हो तो अयादि संधि हो सकती है लेकिन अगर और कोई विच्छेद न निकलता हो तो + के बाद वाले भाग को वैसा का वैसा लिखना होगा। उसे अयादि संधि कहते हैं।

उदहारण :-

 ने + अन = नयन

  नौ + इक = नाविक

  भो + अन = भवन

  पो + इत्र = पवित्र
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2023-04-13 06:09:03 ◆स्वर संधि :- जब स्वर के साथ स्वर का मेल होता है तब जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहते हैं। हिंदी में स्वरों की संख्या ग्यारह होती है। बाकी के अक्षर व्यंजन होते हैं। जब दो स्वर मिलते हैं जब उससे जो तीसरा स्वर बनता है उसे स्वर संधि कहते हैं।

उदहारण :- विद्या + आलय = विद्यालय।

★स्वर संधि पांच प्रकार की होती हैं :-

(क) दीर्घ संधि

(ख) गुण संधि

(ग) वृद्धि संधि

(घ) यण संधि

(ड)अयादि  संधि

★1. दीर्घ संधि :- जब ( अ , आ ) के साथ ( अ , आ ) हो तो ‘ आ ‘ बनता है , जब ( इ , ई ) के साथ ( इ , ई ) हो तो ‘ ई ‘ बनता है , जब ( उ , ऊ  ) के साथ ( उ , ऊ ) हो तो ‘ ऊ ‘ बनता है।
अथार्त सूत्र – अक: सवर्ण – दीर्घ: मतलब अक प्रत्याहार के बाद अगर सवर्ण हो तो दो मिलकर दीर्घ बनते हैं।
◆ दूसरे शब्दों में हम कहें तो जब दो सुजातीय स्वर आस – पास आते हैं तब जो स्वर बनता है उसे सुजातीय दीर्घ स्वर कहते हैं ,
◆इसी को स्वर संधि की दीर्घ संधि कहते हैं।
◆इसे ह्रस्व संधि भी कहते हैं।

उदहारण :-     धर्म + अर्थ = धर्मार्थ

पुस्तक + आलय = पुस्तकालय

विद्या + अर्थी = विद्यार्थी

रवि + इंद्र = रवीन्द्र

गिरी +ईश  = गिरीश

मुनि + ईश =मुनीश

मुनि +इंद्र = मुनींद्र

भानु + उदय = भानूदय

वधू + ऊर्जा = वधूर्जा

विधु + उदय = विधूदय

भू + उर्जित = भूर्जित।

2. गुण संधि :- जब ( अ , आ ) के साथ ( इ , ई ) हो तो ‘ ए ‘ बनता है , जब ( अ , आ )के साथ ( उ , ऊ ) हो तो ‘ ओ ‘बनता है , जब ( अ , आ ) के साथ ( ऋ ) हो तो ‘ अर ‘ बनता है। उसे गुण संधि कहते हैं।

उदहारण :-

  नर + इंद्र + नरेंद्र

   सुर + इन्द्र = सुरेन्द्र

   ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश

   भारत + इंदु = भारतेन्दु

   देव + ऋषि = देवर्षि

   सर्व + ईक्षण = सर्वेक्षण



JOIN ~ @Hindi_Grammerr
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2023-04-13 06:09:03 संधि

संधि दो शब्दों से मिलकर बना है – सम् + धि। जिसका अर्थ होता है ‘मिलना ‘।

जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द  की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाती हैं उसे संधि कहते हैं।

अथार्त संधि किये गये शब्दों को अलग-अलग करके पहले की तरह करना ही संधि विच्छेद कहलाता है। अथार्त जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनती हैं तब जो परिवर्तन होता है , उसे संधि कहते हैं।

उदहारण :- 
हिमालय = हिम + आलय , 
सत् + आनंद =सदानंद।

संधि के प्रकार :

संधि तीन प्रकार की होती हैं :-

स्वर संधि

व्यंजन संधि

विसर्ग संधि

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2023-04-12 04:37:29 हिंदी व्याकरण - पर्यायवाची शब्द

पर्यायवाची का अर्थ है – समान अर्थ देने वाल़ा। जिन शब्दों के अर्थ में समानता होती है, अथवा किसी शब्द-विशेष के लिए प्रयुक्त समानार्थक शब्दों को “समानार्थक या पर्यायवाची” शब्द कहते हैं। ऐसे शब्दों के अर्थ में समानता होते हुए भी प्रत्येक शब्द की अपनी विशेषता होती है और भाव में एक-दूसरे से किंचित भिन्न होते हैं। अतः ऐसे में समय सही पर्यायवाची शब्द के उपयोग हेतु थोड़ी सावधानी अपेक्षित है।



असुर- दैत्य, दानव, राक्षस, निशाचर, रजनीचर, दनुज।

अर्थ- धन, दौलत, पैसा, द्रव्य, मुद्रा, वित्त।

अहंकार- घमंड, दंभ, अभिमान, गर्व, दर्प, मद।

अंधकार- अँधेरा, तम, तिमिर, तमिस्र।

अमृत- पीयूष, सुधा, सोम, अमिय, मधु, अमी।

अनुपम- अदभुत, अनन्य, अपूर्व, अतुल, अनोखा।

अश्व- घोड़ा, तुरंग, बाजी, हय, घोटक।

आग- अग्नि, अनल, पावक, हुतासन, ज्वलन, धूमकेतु, कृशानु, वहनि, शिखी, दहन, वह्नि।

आम- आम्र, रसाल, सौरभ, मादक, सहुकार, अमृतफल।

आत्मा- चैतन्य, जीव, देव, अंतःकरण।

आँख- नयन, नेत्र, चक्षु, लोचन, दृग, अक्षि, विलोचन, दृष्टि।

आंसू- अश्रु, नेत्रजल, नयनजल।

आकाश- गगन, नभ, व्योम, अम्बर, अनन्त, अर्श, अंतरिक्ष, शून्य, आसमान।

आनंद- हर्ष, उल्लास, सुख, आमोद, प्रमोद।

आश्रम- विहार, मठ, अखाड़ा, संघ, कुटी।

अतिथि- पाहुन, अभ्यागत, मेहमान, आगन्तुक।

ओंठ- होंठ, ओष्ठ, अधर।

कमल- पंकज, राजीव, नीरज, अरविन्द, नलिन, जलज, उत्पल, पद्म, सरोज।

कपड़ा- पट, चीर, वसन, अंशु, कर, मयुख, वस्त्र, अम्बर, परिधान।

कान- कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल।

किताब- पुस्तक, पोथी, ग्रन्थ।

किरण- ज्योति, प्रभा, रश्मि, दीप्ति।

किसान- कृषक, हलधर, खेतिहर, भूमिपुत्र, अन्नदाता।

कोयल- कोकिला, पिक, सारिका, काकपाली, बसंतदूत, कुहुकिनी, वनप्रिया।

क्रोध- रोष, अमर्ष, कोह, प्रतिघात, कोप ।

कृपा- दया, करुणा, प्रसाद, अनुग्रह।

कृष्ण- वासुदेव, गोविन्द, केशव, गिरधारी, घनश्याम, माधव, मोहन, राधापति ।

गज- हाथी, हस्ती, मतंग, कूम्भा, मदकल।

गाय- गौ, धेनु, भद्रा, रोहिणी, सुरभि ।

गर्मी- ग्रीष्म, ऊष्मा, गरमी, ताप, निदाघ।

गणेश- गजानन, गणपति, विनायक, लम्बोदर, गौरीनंदन, गणनायक, शंकरसुवन, महाकाय।

गंगा- भगीरथी, त्रिपथगा, मंदाकिनी, विश्नुपगा, ध्रुवनंदा, सुरसरिता, देवनदी, देवपगा, जाह्नवी।

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