जिसे जितना वक्त दो, जिसके लिए हमेशा उपस्थित रहो, जिसके साथ हमे | Gulzar Talks
जिसे जितना वक्त दो, जिसके लिए हमेशा उपस्थित रहो, जिसके साथ हमेशा घूमो-फ़िरो मस्ती करो... एक दिन वो निकल लेते हैं। उन्हें समय काटने वाला दूसरा व्यक्ति मिल जाता है। हम समझ ही नहीं पाते आख़िर हुआ क्या? कल तक तो सब सही था। परन्तु बात शायद वही थी कि सामने कुछ और, मुँह पर कुछ और...!!!