वापस आऊँगा तो दर्द नहीं खुशियाँ लिखूँगा, तुम कहते हो न नकारात् | Gulzar Talks
वापस आऊँगा तो दर्द नहीं खुशियाँ लिखूँगा, तुम कहते हो न नकारात्मक विचार हैं तुम्हारे, तो मैं सकारात्मकता सीखूँगा। मैं मरने की बात नहीं जीवंत प्रेरणा की बात लिखूँगा। मैं फिर वापस आऊँगा।