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तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य राजस | GK With Ram Verma™

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

राजसथान मे संत सम्प्रदाय

रामानुज संप्रदाय की प्रधान पीठ- गलता जी जयपुर

निंबार्क संप्रदाय की प्रधान पीठ -सलेमाबाद अजमेर

राजस्थान की राधा मीरा बाई- कुडकी, जो मेड़ता से कुछ किलोमीटर दूर स्थित है , मे रतन सिंह ने एक गढ़ का निर्माण करवाया था इसी गढ़ में 1504  में उनकी पत्नी वीर कंवर ने एक  पुत्री को जन्म दिया था, जिसका नाम पेमल रखा गया था
यही पेमल बाद मे राजस्थान के इतिहास में मीराबाई के नाम से विख्यात हुई थी इनके दादा का नाम दुदा था

जनमानस के अनुसार जब मीराबाई द्वारका में स्थित मंदिर में अपने आराध्य श्री कृष्ण की मूर्ति के समक्ष नृत्य कर रही थी तब  गिरधर गोपाल ने उन्हें अपने में लीन कर लिया था

बागड़ की मीरा - गवरी बाई

जसनाथी सम्प्रदाय की प्रधान पीठ- कतरियासर , बीकानेर

दादू पंथ की प्रधान पीठ- नरेना ,जयपुर

विश्नोई संप्रदाय की प्रधान पीठ- मुकाम, नोखा

कामडिया पंथ के संस्थापक- रामदेवजी

सहजोबाई और दयाबाई- संत चरणदास की शिष्या

लालदासी संप्रदाय की प्रधान पीठ- नगला, भरतपुर

दादू पंथ की 5 शाखाएँ- खालसा, विरक्त , उतरादे, नागा और निहंग

महामंदिर- जोधपुर मे नाथ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ, मानसिंह के समय, मानसिंह मारवाड़ के एकमात्र शासक जिन्होंने सन्यास लिया था

पीपा- संत पीपा की बचपन का नाम प्रताप सिंह खींची था यह गागरोन के शासक थे इन्हें दर्जी समुदाय के आराध्य देव माने जाते हैं इनकी गुफा टोडा टोंक में

सिभुंदडा और कोडां - जसनाथ जी के उपदेश इन ग्रंथो मे

रामस्नेही संप्रदाय की राजस्थान में चार पीठ

शाहपुरा शाखा - रामचरण जी

रैण  शाखा- दरियाव जी

सिहंथल- हरिराम दास

खेडापा- रामदास