Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करके | Chankya Niti
Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करके व्यक्ति कई मुसीबतों से निजात पाने के साथ सुखी जीवन व्यतीत कर सकता है. चाणक्य ने अपनी नीति में बताया है कि जो लोग दूसरों के सुख से दुखी होते हैं वो जीवन में खुशी से वंचित रहते हैं.
चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से बताया है कि हर इंसान को अपने मन पर नियंत्रण रखना चाहिए. चाणक्य नीति के 13वें अध्याय के 15वें श्लोक में इस बात का वर्णन किया गया है.
अनवस्थितकायस्य न जने न वने सुखम्। जनो दहति संसर्गाद् वनं संगविवर्जनात।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य दुख-सुख की चर्चा करते हुए कहते हैं कि जिस व्यक्ति का मन स्थिर नहीं होता वो दूसरों के सुख से दुखी रहते हैं. ऐसे व्यक्ति को न तो लोगों के बीच में सुख मिलता है और न वन में ही खुश रहते हैं.
आचार्य चाणक्य बताना चाहते हैं कि सुख पाने के लिए मन का शांत एवं स्थिर रखना चाहिए. जिस व्यक्ति का मन स्थिर नहीं रहता है वो अक्सर दूसरे लोगों को फलता-फूलता देखकर दुखों से घिरा रहता है.
ऐसे में यदि वो वन में भी चला जाए तो अकेलापन उसे परेशान करता है. चाणक्य के अनुसार अगर व्यक्ति में संतोष की भावना नहीं हो तो कहीं भी खुशी नहीं मिलेगी