वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता मे | Chanakya Neeti
वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो; लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है – चाणक्य
भूख के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है – चाणक्य
अपमानित होकर जीने से अच्छा मरना है, मृत्यु तो बस एक क्षण का दुःख देती है, लेकिन अपमान हर दिन जीवन में दुःख लाता है – चाणक्य
परिश्रम वह चाबी है, जो किस्मत का दरवाजा खोल देती है – चाणक्य
चन्द्रगुप्त : किस्मत पहले ही लिखी जा चुकी है, तो कोशिश करने से क्या मिलेगा – चाणक्य
क्या पता किस्मत मैं लिखा हो की कोशिश से ही मिलेगा – चाणक्य