[अब्रह्मचर्य से हानिया] सबसे बढ़कर आवश्यक यह है कि कृषिकार स्व | ब्रह्मचर्य
[अब्रह्मचर्य से हानिया] सबसे बढ़कर आवश्यक यह है कि कृषिकार स्वयं कच्ची खेती को ही खाना शुरू न कर दें। अब तक किसानों में प्रसिद्ध है कि जो किसान प्रलोभनवश बीच में ही खेती खाने लग जाता है उसकी खेती में 'बरकत' नहीं होती। ऐसे किसान की उसी पुरुष से उपमा देनी चाहिए जो वीर्य परिपक्व होने से पहले ही उसका नाश करने लगता है। (साभार:- स्वामी श्रद्धानंद ग्रंथावली)