[[जिस देश में ब्रह्मचर्य आदि का प्रचार होता है वह सौभाग्यशाली | ब्रह्मचर्य
[[जिस देश में ब्रह्मचर्य आदि का प्रचार होता है वह सौभाग्यशाली है]] जिस देश में यथायोग्य ब्रह्मचर्य, विद्या और वेदोक्त धर्म का प्रचार होता है। वह देश सौभाग्यवान् होता है। (सत्यार्थ प्रकाश, तृतीय समु.)